बांग्लादेश को जलाने वाली कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध, शेख हसीना के नेतृत्व में 14 पार्टियों का फैसला, ISI से है नाता
Updated on
30-07-2024 01:44 PM
ढाका: बांग्लादेश में एक बड़े घटनाक्रम के तहत सत्ताधारी अवामी लीग के नेतृत्व वाले 14 पार्टियों के गठबंधन ने कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। जमात के साथ ही इसकी छात्र शाखा छात्र शिबिर पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। जमात-ए-इस्लामी और छात्र शिबिर पर बीते दिनों बांग्लादेश में हुए छात्र प्रदर्शन को हाईजैक करने और हिंसा फैलाने का आरोप है, जिसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। हमारे सहयोगी ईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से समर्थित जमात-ए-इस्लामी ने आंदोलन को अगवा कर लिया था, जिसके कारण हिंसा और आगजनी हुई।
जमात-ए-इस्लामी का देश विरोधी इतिहास
इसके पहले जमात को बांग्लादेश के चुनाव में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन का जमात-ए-इस्लामी के नेतृत्व ने विरोध किया था। उसने 1971 में पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था। अक्टूबर 2018 में हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने जमात-ए-इस्लामी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था। सोमवार रात को प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक बैठक में इसका फैसला किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता अवामी लीग की अध्यक्ष और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने की।
छात्र आंदोलन में जमात ने फैलाई हिंसा
बैठक के बाद आवास के बाहर अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'गठबंधन ने आम लोगों की हत्या करने और विभिन्न मुद्दे बनाकर आतंकवादी हमले करके राज्य की संपत्ति को नष्ट करने के आरोप में जमात-शिबिर राजनीति पर प्रतिबंध लगाने पर सहमति जताई है।' इस दौरान जातीय समाजतांत्रिक दल के अध्यक्ष हसनुल हक इनु, वर्कर्स पार्टी ऑफ बांग्लादेश के अध्यक्ष रशीद खान मेनन, तोरीकत फेडरेशन के अध्यक्ष सैयद नजीबुल बशर मैजभंडारी और बांग्लादेश सम्माबादी दल के महासचिव दिलीप बरुआ समेत 14 पार्टी नेता मौजूद रहे।
देश को आग में झोंकने की थी साजिश
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, 'कादर ने कहा कि बीएनपी और जमात देश में अराजकता पैदा करने की साजिश कर रहे हैं। 14 दलों के गठबंधन ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय हित के लिए राष्ट्र विरोधी बुरी ताकतों को खत्म करने के लिए जमात-शिबिर पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।' वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष रशीद खान मेनन ने कहा, 'हमने एकमत से जमात-शिबिर पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसे लागू करना अब सरकार की जिम्मेदारी है।' नजीबुल बशर ने कहा, अगर जमात-शिबिर पर प्रतिबंध लगता है तो वे बांग्लादेश में प्रेस कॉन्फ्रेंस और कोई भी राजनीतिक गतिविधि नहीं कर सकेंगे।
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