धमतरी । मगरलोड विकासखंड के ग्राम पंचायत डुमरपाली के आश्रित ग्राम नारधा लगभग 150 वर्ष पूर्व घने जंगलों से घिरा हुआ था।
किवदंती के अनुसार बाबा वनवास कुंवर सन्यासी के रूप में आये हुए थे। साधना में लीन बाबा वनवास कुंवर प्रसिद्धि आसपास के क्षेत्रों में फैल गई।
ग्रामीणजन बाबा के कहे अनुसार ही शुभ कार्य करते थे। उन्हीं के प्रेरणा से गांव वालों ने श्रमदान करके तालाब बनाये जिनका नाम बाबा वनवास कुंवर के नाम से जाना जाता है।
भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर शासन के दिशानिर्देशानुसार उक्त तालाब का नवीनीकरण करने हेतु ग्राम पंचायत के प्रस्तावना में शामिल किया गया।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में बाबा वनवास कुंवर अमृत सरोवर का निर्माण किया गया।
लगभग 04 एकड़ क्षेत्र में फैले अमृत सरोवर निर्माण के लिए जिला कार्यालय से गहरीकरण, टोवाल निर्माण, पचरी निर्माण, इनलेट व आउटलेट निर्माण हेतु राशि 19.97 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई।
200 ग्रामीण श्रमिक द्वारा 5421 मानव दिवस अर्जित किया गया। अमृत सरोवर निर्माण में योजनांतर्गत श्रमिकों के अलावा ग्राम विकास समिति की भी सहभागिता रही है।
लगभग 100 साल पुरानी बाबा वनवास कुंवर तालाब के नवीनीकरण के लिए मनरेगा योजना के तहत सर्व सम्मति से प्रस्ताव में शामिल किया गया। चूंकि उक्त तालाब में साफ-सफाई के अभाव में पानी गंदा हो जाता था।
मनरेगा योजना के तहत 19.97 लाख रूपये की स्वीकृति मिलने से ग्रामीणों में भी नयी ऊर्जा का संचार हुआ। जल संरक्षण एवं संवर्धन की महती आवश्यकता को गति दी गई इस तरह बाबा वनवास कुंवर तालाब अमृत सरोवर के रूप में ग्रामीणजनों का सपना साकार किया।
भारत सरकार के गाइडलाईन अनुसार निर्मित सरोवर में नीम, पीपल एवं बरगद पौधों का रोपण किया जाना है का पालन करते हुए वातावरण की शुद्धता के लिए बाबा वनवास कुंवर अमृत सरोवर में उक्त पौधों का रोपण किया गया।
पंचायत एवं ग्राम विकास समिति की सहभागिता से सरोवर के चारों ओर बांस से निर्मित तीस नग मचान, पौधों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु 50 नग ट्रीगार्ड लगा कर पौधों के बढ़ने तक संकल्प लिया गया।
तालाब के सामने वाले भाग में कांक्रीटकरण कार्य, दीवाल में आकर्षक पेंटिंग के माध्यम से सरोवर को लुभावना बनाया गया। धरोहर के रूप में संजोकर रखना भी कर्तव्य समझते हैं।
ग्रामीणों की सबसे खासियत यह है कि निर्मित सरोवर के आसपास शौच करना पूर्णतः प्रतिबंधित है। यह सिर्फ कहानी ही नहीं बल्कि स्वच्छता की मिशाल को कायम रखे हुए हैं।
15 अगस्त और 26 जनवरी का राष्ट्रीय पर्व हर भारतवासियों को देशभक्ति और एकता अखण्डता की प्रेरणा देता है। ग्रामीणों में यह उत्साह भी हमेशा द्विगुणित होता है और उत्साह से पर्व को मनाते हैं।
सरोवर में निर्मित झण्डा चबूतरा है जहां छत्तीसगढ़ पुलिस बल में तैनात 27 वर्षीय ललित कुमार दीवान नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गये हैं आजादी की 75वीं वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए शहीद परिवार के मां खेलन्या दीवान, भाई शेखर दीवान, ईश्वर चन्द्र दीवान, ग्राम पंचायत परिवार एवं समस्त ग्रामीणजनों की उपस्थिति में ध्वजारोहण कर सलामी दी गई।
अमर शहीदों की कुर्बानी को याद करते हुए जयघोष की ध्वनि से गुंजायमान करते हैं। शहीद परिवार भी अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं। अमृत सरोवर ग्रामीणों के लिए धरोहर बना हुआ है जो एक जीवंत उदाहरण है।
आजीविका गतिविधि - बाबा वनवास कुंवर अमृत सरोवर योजना के उद्देश्य के प्रतिपूर्ति के लिए बनाया गया है। समूह की महिलाएं आर्थिक गतिविधियों से समुन्नत हो दृष्टि को ध्यान में रखते हुए मतस्य पालन में नियोजित की जा रही है। इससे समूह की महिलाएं स्वरोजगार के प्रति आत्मनिर्भरता की कहानी गढ़ रही है।