अजरबैजान ने आर्मीनिया को हराया, कराबाख पर कब्जा
अजरबैजान के राष्ट्रपति अलियेव के इस बयान पर फ्रांस ने भी पलटवार किया है। राजनयिक सूत्रों ने कहा कि फ्रांस, यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ मिलकर दक्षिणी काकेकस इलाके में एक न्यायोचित और स्थायी शांति की दिशा में काम कर रहा है। यह संप्रभुता और सीमा के सम्मान के सिद्धांत पर आधारित होगा। आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच पिछले तीन दशक में दो बार युद्ध हो चुका है लेकिन अलियेव को इस साल सितंबर महीने में उस समय बड़ी सफलता मिल गई जब उन्होंने कराबाख इलाके पर फिर से कब्जा कर लिया।
नागर्नो कराबाख पर आर्मीनिया मूल के लोग 1990 के दशक से स्वतंत्र तरीके से रहते थे। इसके बाद से अब तक 1 लाख आर्मीनियाई मूल के लोग आर्मीनिया में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। अजरबैजान इस जीत के बाद अपनी शर्तों पर आर्मीनिया के साथ डील करना चाहता है और उसने पश्चिमी देशों खासकर फ्रांस और अमेरिका की कड़ी आलोचना की है। इन देशों में बड़ी तादाद में आर्मीनिया मूल के लोग रहते हैं और वे आर्मीनिया के प्रति सहानुभूति रखते हैं। अजरबैजान पर फ्रांस ने नकारात्मक साइबर अभियान चलाने का आरोप लगाया है। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बाद अब अलियेव ने अब फ्रांस पर औपनिवेशिक देशों में खूनी हिंसा करने का आरोप लगाया है।