Select Date:

कोई भले हो जाए ढेर, पर तूफान में भी खड़े रहेंगे ये 3 शेर, क्‍यों भारत का भरोसा?

Updated on 15-11-2024 02:11 PM
नई दिल्‍ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को डोमेस्टिक सिस्‍टेमैटिकली इम्‍पॉर्टेंट बैंक्‍स (D-SIBs) के रूप में बरकरार रखा है। आबीआई ने कहा है कि तीनों बैंकों को D-SIBs की 2023 की सूची के अनुसार उसी बकेटिंग स्‍ट्रक्‍चर के तहत रखा गया है। प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक यानी D-SIB ऐसे बैंक होते हैं जिन्हें 'टू बिग टू फेल (TBTF)' माना जाता है। यानी इनके नाकाम होने की आशंका न के बराबर होती है। वास्तविक अर्थव्यवस्था को बैंकिंग सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता के लिए इन बैंकों का काम करना बेहद जरूरी होता है। आइए, यहां समझते हैं कि आखिर D-SIBs होते क्या हैं, इन्हें क्यों बनाया गया है और इनके क्या मायने हैं।

किन बैंकों को D-SIB के रूप में किया है गया कैटेगराइज?


आरबीआई ने SBI, HDFC बैंक और ICICI बैंक को D-SIBs की 2023 की सूची के अनुसार उसी बकेटिंग स्‍ट्रक्‍चर के तहत D-SIB के रूप में पहचानना जारी रखा है। जुलाई 2014 में केंद्रीय बैंक ने D-SIBs के लिए रूपरेखा जारी की थी। 2015 से आरबीआई हर साल D-SIBs के रूप में वर्गीकृत बैंकों के नामों का खुलासा करता रहा है।

रिजर्व बैंक ने 2015 और 2016 में SBI और ICICI बैंक को D-SIBs के रूप में घोषित किया था। जबकि HDFC बैंक को 2017 में SBI और ICICI बैंक के साथ D-SIB के रूप में कैटगराइज किया गया था। ताजा अपडेट 31 मार्च, 2024 तक बैंकों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है।

D-SIB क्यों बनाए गए हैं?


कुछ बैंक अपने आकार, सीमा पार गतिविधियों, जटिलता, प्रतिस्थापन की कमी और परस्पर जुड़ाव के कारण प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इन बैंकों की अव्यवस्थित विफलता में बैंकिंग प्रणाली को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सेवाओं और बदले में समग्र आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण व्यवधान पैदा करने की क्षमता होती है। लिहाजा, वास्तविक अर्थव्यवस्था को आवश्यक बैंकिंग सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता के लिए SIB का काम करना महत्वपूर्ण है।

SIB को ऐसे बैंक माना जाता है जो 'टू बिग टू फेल (TBTF)' होते हैं। TBTF की यह धारणा संकट के समय इन बैंकों के लिए सरकारी सहायता की उम्मीद पैदा करती है। इस धारणा के कारण इन बैंकों को फंडिंग बाजारों में कुछ फायदे मिलते हैं।
हालांकि, सरकारी सहायता की उम्मीद जोखिम लेने को बढ़ावा देती है। बाजार अनुशासन को कम करती है। प्रतिस्पर्धी विकृतियों को जन्म देती है। साथ ही भविष्य में संकट की संभावना को बढ़ाती है। आरबीआई के अनुसार, इन बातों पर विचार करने की जरूरत है कि SIB की ओर से उत्पन्न प्रणालीगत जोखिमों और नैतिक जोखिम के मुद्दों से निपटने के लिए अतिरिक्त नीतिगत उपाय किए जाने चाहिए।

D-SIBs को किन अलग-अलग बकेट में रखा गया है?


बैंकों को उनके प्रणालीगत महत्व स्कोर के आधार पर अलग-अलग बकेट आवंटित किए जाते हैं। RBI ने SBI को बकेट 4, HDFC बैंक को बकेट 3 और ICICI बैंक को बकेट 1 में रखा है।

D-SIB का चयन कैसे किया जाता है?


RBI की ओर से बैंकों के प्रणालीगत महत्व के आकलन की प्रक्रिया दो चरणों वाली है। पहले चरण में, बैंकों के एक नमूने का फैसला किया जाता है। इनका उनके प्रणालीगत महत्व के लिए आकलन किया जाता है।

RBI के अनुसार, सभी बैंकों के प्रणालीगत महत्व की गणना करने की आवश्यकता नहीं होती है। कारण है कि कई छोटे बैंक कम प्रणालीगत महत्व के होंगे और इन बैंकों पर नियमित आधार पर कठिन डेटा आवश्यकताओं का बोझ डालना विवेकपूर्ण नहीं हो सकता है। इसलिए, D-SIB की पहचान के लिए बैंकों के नमूने में कई छोटे बैंक शामिल नहीं हैं।

एक बार बैंकों का नमूना चुन लेने के बाद उनके प्रणालीगत महत्व की गणना के लिए विस्तृत अध्ययन शुरू किया जाता है। संकेतकों की एक सीरीज के आधार पर नमूने में प्रत्येक बैंक के लिए प्रणालीगत महत्व के समग्र स्कोर की गणना की जाती है। एक सीमा से ऊपर प्रणालीगत महत्व वाले बैंकों को D-SIBs के रूप में नामित किया जाता है।

D-SIBs को उनके प्रणालीगत महत्व स्कोर के आधार पर अलग-अलग बकेट में विभाजित किया जाता है। निचले बकेट में D-SIB कम पूंजी शुल्क आकर्षित करता है और ऊंचे में ज्‍यादा शुल्क। बैंकों को GDP के प्रतिशत के रूप में उनके आकार (बेसल III लीवरेज अनुपात एक्सपोजर माप के आधार पर) के विश्लेषण के आधार पर प्रणालीगत महत्व की गणना के लिए चुना जाता है। जीडीपी के 2 फीसदी से अधिक आकार वाले बैंकों का चयन नमूने में किया जाता है।

ग्‍लोबल SIB कौन से हैं?


वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) ने बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति (BCBS) और राष्ट्रीय अधिकारियों के परामर्श से ग्‍लोबल सिस्‍टेमैटिकली इम्‍पॉर्टेंट बैंक्‍स (G-SIB) की 2023 की सूची की पहचान की है। G-SIB में JP मॉर्गन चेज, बैंक ऑफ अमेरिका, सिटीग्रुप, HSBC, एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना, बैंक ऑफ चाइना, बार्कलेज और BNP परिबास शामिल हैं।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 23 November 2024
नई दिल्लीः सरकार ने साइबर सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी नियमों को अधिसूचित किया है। इनके तहत केंद्र सरकार अपनी किसी…
 23 November 2024
नई दिल्ली: प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए पहली बार नासिक से दिल्ली, लखनऊ, गुवाहाटी सहित देश के प्रमुख शहरों में ट्रेन से प्याज भेजने के साथ केंद्र सरकार…
 23 November 2024
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने नोटिस (समन) जारी किया है। इसमें दोनों को 21 दिनों के…
 23 November 2024
नई दिल्ली: कोहरे का मौसम आने ही वाला है। ऐसे में ट्रेन तो घंटों लेट चलती ही है, फ्लाइट भी डिले (Delayed Flight) हो जाती है। अक्सर देखा जाता है…
 22 November 2024
नई दिल्‍ली: रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ गया है। इसने सोने की मांग को हवा दी है। दिल्ली सराफा बाजार में गुरुवार को सोने की कीमतों में बंपर तेजी…
 22 November 2024
नई दिल्‍ली: हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के बंगाणा गांव के 23 वर्षीय अंकुश बरजाता ने कम उम्र में ही बिजनेस में बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। उन्होंने लाखों की…
 22 November 2024
नई दिल्‍ली: स्थानीय शेयर बाजार में गुरुवार को गिरावट आई थी। उद्योगपति गौतम अडानी पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी के अमेरिका में आरोपों के बीच समूह की कंपनियों के शेयरों में…
 22 November 2024
नई दिल्‍ली: अमेरिका और चीन के बीच होने वाले ट्रेड वॉर से भारत पर ज्‍यादा असर नहीं पड़ेगा। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में यह भविष्‍यवाणी की गई है। रिपोर्ट में बताया…
 22 November 2024
नई दिल्ली: धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोपों में घिरे गौतम अडानी की नेटवर्थ को भी काफी नुकसान हुआ है। वह फोर्ब्स की रियल टाइम नेटवर्थ लिस्ट में नीचे आ गए…
Advertisement