संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की परमानेंट सीट को लेकर एलन मस्क के बयान पर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "अमेरिका UNSC समेत संयुक्त राष्ट्र के दूसरे संस्थानों में सुधार का समर्थन करता है। इन संस्थानों में कुछ बदलावों की जरूरत हैं।"
वेदांत पटेल ने आगे कहा, “राष्ट्रपति ने UN की बैठक में भी इस बारे में बात की है। हम UNSC में सुधारों का समर्थन करते हैं, ताकि यह 21वीं सदी के लायक हो सके। हम किसी एक सुधार का फिलहाल जिक्र नहीं कर रहे हैं। लेकिन यह तय है कि UNSC में बदलाव की जरूरत है।"
'भारत को परमानेंट सीट न देना बेतुका'
टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने जनवरी में भारत को UNSC में स्थायी सदस्यता न देने को बेतुका बताया था। मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था , "कुछ चीजों पर UN में संशोधन की जरूरत है। लेकिन कुछ देश अपनी शक्ति को नहीं छोड़ना चाहते हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत के पास UNSC में परमानेंट सीट न होना बेतुका है। अफ्रीका को भी सामूहिक रूप से एक स्थायी सीट मिलनी चाहिए।"
मस्क ने यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा UNSC के स्थायी देशों में किसी भी अफ्रीकी देश की मौजूदगी न होने पर चिंता जताने के बाद आई थी।
लंबे समय से भारत कर रहा मांग
भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। भारत स्थायी सीट के जरिए विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व करना चाहता है। अब अमेरिका के समर्थन के बाद देश की मांग को और गति मिली है। भारत लगातार देशों से UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन जुटा रहा है।
'UNSC की सीट के लिए और कितना इंतजार करें'
इससे पहले जनवरी में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए बढ़ते वैश्विक समर्थन पर जोर दिया था। मार्च में UN में भारत की परमानेंट प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने कहा था कि सुरक्षा परिषद में सुधारों पर चर्चा 1990 के दशक में शुरू हुई थी। दुनिया और हमारी आने वाली पीढ़ियों को अब और कितना इंतजार करना होगा? हम और इंतजार नहीं कर सकते।
रुचिरा कम्बोज ने सुझाव दिया था कि अगले साल UN की 80वीं सालगिरह है और सितंबर में एक अहम शिखर सम्मेलन होने वाला है। ऐसे मौकों पर इन जरूरी सुधारों को पेश किया जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी ने भी चुनावों से पहले अपने संकल्प पत्र में संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में परमानेंट सीट का वादा किया है।
UNSC में इसलिए स्थायी सदस्यता चाहता है भारत
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। यह UN की सबसे पावरफुल संस्था है। इस पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने की जिम्मेदारी है।
कुछ मामलों में UNSC अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने या बहाल करने के लिए प्रतिबंध लगाने या बल उपयोग करने का सहारा ले सकती है। यानी अगर भारत भी UNSC का परमानेंट मेंबर बन गया तो दुनिया के किसी भी बड़े मसले पर उसकी सहमति जरूरी होगी।