अडानी को लगी 150 अरब डॉलर की चपत, हिंडनबर्ग रिसर्च ने कितना कमाया
Updated on
02-07-2024 02:22 PM
नई दिल्ली: अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने पिछले साल जनवरी में अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। इस पर काफी हंगामा हुआ था और अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। एक समय ग्रुप का मार्केट कैप 150 अरब डॉलर तक गिर गया था। हालांकि उसके बाद ग्रुप के शेयरों ने काफी हद तक इस नुकसान की भरपाई कर ली है। अब सवाल उठता है कि हिंडनबर्ग रिसर्च को इससे कितनी कमाई हुई है। कंपनी ने खुद इसका खुलासा किया है। कंपनी का कहना है कि अडानी सिक्योरिटीज की शॉर्टिंग से अपने क्लाइंट के जरिए 4.1 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू मिला। लेकिन यह रकम रिसर्च में लगी उसकी राशि के बराबर भी नहीं है।
हिंडनबर्ग ने मार्केट रेगुलेटर सेबी के कारण बताओ नोटिस के जवाब में एक ब्लॉग पोस्ट में यह बात कही। कंपनी ने कहा कि हमने इनवेस्टर रिलेशनशिप के जरिए अडानी शॉर्ट्स से 4.1 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू अर्जित किया है। साथ ही कंपनी ने अडानी के अमेरिकी बांड को शॉर्ट करके भी 31,000 डॉलर कमाए। कंपनी का कहना है कि यह बहुत छोटी पोजीशन थी। लीगल और रिसर्च खर्चों को छोड़कर हम अडानी शॉर्ट पर भी ब्रेक-ईवन से आगे निकल सकते हैं। कंपनी ने इस रिपोर्ट का खंडन किया कि उसके पास 12-16 निवेशक साझेदार हैं जिन्होंने लाखों डॉलर कमाए हैं। हिंडनबर्ग ने कहा कि कारण बताओ नोटिस में बढ़ाचढ़ाकर बातें की गई है। अडानी थीसिस में केवल एक इनवेस्टर रिलेशनशिप थी।
कोटक बैंक को भी घसीटा
हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी ग्रुप की कारगुजारियों को उजागर करने का उसका काम फाइनेंशियली जस्टिफाइड नहीं था और व्यक्तिगत जोखिम और सुरक्षा के नजरिए से तो बिल्कुल नहीं। लेकिन कंपनी को इस पर गर्व है। कंपनी ने आरोप लगाया कि सेबी ने अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है। ऐसा लग रहा है कि वह प्रभावित निवेशकों के बजाय धोखाधड़ी करने वालों को बचाने में लगा है। हिंडनबर्ग ने साथ ही कहा है कि कोटक बैंक ने एक विदेश फंड स्ट्रक्चर बनाया जिसे उसके इनवेस्टर पार्टनर ने अडानी ग्रुप के खिलाफ बेट के लिए इस्तेमाल किया।
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