इराक की एक अदालत ने ISIS के पूर्व चीफ अबु बकर अल-बगदादी की पत्नी अस्मा मोहम्मद को फांसी की सजा सुनाई है। अलजजीरा के मुताबिक अस्मा मोहम्मद को यजीदी महिलाओं की किडनैपिंग में बगदादी का साथ देने के आरोप में दोषी पाया है।
अबू बकर अल-बगदादी 2014 से ISIS का लीडर था। अमेरिका ने 27 अक्टूबर 2019 को स्पेशल ऑपरेशन के जरिए सीरिया में घुस कर उसे मार डाला था। इराक की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने बताया कि अस्मा को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत हिरासत में रखा गया है।
अस्मा ने यजीदी महिलाओं को अपने घर में छुपाया और बाद में उन्हें ISIS को दे दिया था। 2014 में ISIS ने महिलाओं को जबरन वेश्यावृत्ति में धकेल दिया था। अल बगदादी ने 2014 में इस्लामिक स्टेट की बुनियादी रखी थी। इसके बाद उन्होंने सीरिया और इराक के एक बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया था।
बगदादी कैसे बना आंतकवादी?
बगदादी का जन्म इराक के समाराई शहर में एक सुन्नी परिवार में हुआ था। बगदादी का असली नाम इब्राहिम अव्वाद इब्राहिम अल-बद्री था। उसे बचपन से ही धार्मिक चीजों से लगाव लगा था। उसने बगदाद यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और बाद में पीएचडी भी की। फिर कुछ सालों तक उसने एक इमाम के तौर पर काम किया।
2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला किया और तानाशाह सद्दाम हुसैन का तख्तापलट किया गया। बगदादी ने इसे इराक के लिए खतरा माना और अमेरिका से बदला लेने की ठानी। बगदादी ने खुद का एक छोटा आतंकवादी संगठन बनाया। इस संगठन ने अमेरिकी और पश्चिमी देशों को निशाना बनाना शुरू किया।
2004 में अमेरिकी सेना ने बगदादी को गिरफ्तार कर लिया और 10 महीने कैद में रखने के बाद छोड़ दिया। यहां से रिहा होने के बाद बगदादी अल-कायदा में शामिल हो गया। 2006 में वो एक्यूआई के संगठन मुजाहिद शूरा काउंसिल से जुड़ा गया। इसी साल ये संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक में तब्दील हो गया और बगदादी उसके सलाहकार शूरा काउंसिल का हिस्सा बन गया।
अमेरिका ने 2010 में इस संगठन के नेता अबू उमर अल-बगदादी और उसके करीबियों को मार डाला। इसके बाद बगदादी इसका प्रमुख बनाया गया। यहीं से उसने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक को बढ़ाना शुरू किया। 2013 में इस संगठन ने सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-अस्साद के खिलाफ लड़ाके भेजकर और वहां अल-नुस्रा संगठन की स्थापना की।
अप्रैल 2013 में बगदादी को इराक और सीरिया में बढ़त मिली। यहीं से उसने आईएस की स्थापना की। जून 2014 के आते-आते आईएस ने इराक के ज्यादातर हिस्सों में कब्जा कर लिया।