ओमान के पास एक तेल टैंकर समंदर में पलट गया था। इसके 9 क्रू मैंबर्स को सुरक्षित बचा लिया गया है। इसमें से 8 भारतीय हैं। रेस्क्यू किया गया एक अन्य नागरिक श्रीलंका का है।
जहाज पर कुल 16 सदस्य थे, जिनमें से 7 अभी भी लापता हैं। 5 भारतीय और 2 श्रीलंका के नागरिकों की तलाश अभी भी जारी हैं।
समुद्री सुरक्षा केंद्र के मुताबिक, प्रेस्टीज फाल्कन नाम का तेल टैंकर दुबई के हमरिया पोर्ट से रवाना हुआ था। इस पर कोमोरोस का झंडा लगा हुआ था। यह यमन के अदन पोर्ट जा रहा था। सोमवार को डुक्म के पोर्ट टाउन के पास रास मद्रकाह से करीब 46 किमी दूर दक्षिण-पूर्व में तेल टैंकर पलट गया।
ओमान के समुद्री सुरक्षा केंद्र (Maritime Security Centre) ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी थी। ओमान में तेल के टैंकर के डूबने की जानकारी मिलते ही भारतीय नौसेना ने युद्धपोत INS तेग और एयरक्राफ्ट P-8i को राहत और बचाव कार्य के लिए भेज दिया था।
ये वॉरशिप ओमानी वेसल्स के साथ अदन पोर्ट के पास सर्च ऑपरेशन में शामिल हैं
समुद्र में उल्टा पड़ा है तेल टैंकर
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जहाज अब भी समुद्र में उल्टा डूबा हुआ है। इससे तेल लीक हुआ है या नहीं इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो टैंकर डूबा है, उसकी लोकेशन चार दिन पहले अपडेट की गई थी।
यह लगभग 117 मीटर लंबा तेल टैंकर है, जिसे 2007 में बनाया गया था। आमतौर पर ऐसे छोटे टैंकरों का इस्तेमाल छोटी यात्राओं के लिए किया जाता है। डुक्म पोर्ट ओमान के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित है, जो देश के तेल और गैस माइनिंग प्रोजेक्ट्स का प्रमुख केंद्र है। यहां मौजूद तेल रिफाइनरी डुक्म के बड़े इंडस्ट्रियल एरिया का हिस्सा है, जो ओमान का सबसे बड़ा और इकलौता इकोनॉमिक प्रोजेक्ट है।
अदन की खाड़ी और लाल सागर में जहाजों पर हमला कर रहे हूती विद्रोही
अदन यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हासिल करने वाली सरकार के कब्जे वाला आखिरी प्रमुख शहर है। दरअसल, यमन में साल 2014 से ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के साथ गृह युद्ध चल रहा है। इजराइल-हमास जंग शूरू होने के बाद से हूती आसपास के समुद्री क्षेत्र और खासकर अदन की खाड़ी के पास जहाजों पर हमला करते रहते हैं।
हूतियों के हमलों के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर अब तक 4 बार यमन में हूतियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। अमेरिकी मीडिया ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल सागर में लगातार हो रहे हूतियों के हमलों के कारण अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पर गंभीर असर पड़ रहा है।
भारत से यूरोप के लिए डीजल की सप्लाई पिछले 2 सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसमें करीब 90% की गिरावट दर्ज की गई है। एशिया से यूरोपियन यूनियन (EU) और ब्रिटेन जाने वाले कार्गो के शिपिंग चार्ज बढ़ गए हैं।