नई दिल्ली । भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा है कि कुश्ती टीम के कोचों का बचा हुआ वेतन शीघ्र दिया जाएगा। इससे पहले विदेशी कुश्ती कोच एंड्रयू कुक और टेमो कजारशविली मार्च का आधे महीने का वेतन लेकर ही स्वदेश लौट गये थे क्योंकि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने कोरोना महामारी को देखते हुए 17 मार्च को ही राष्ट्रीय शिविर को समाप्त कर दिया था। ऐसे में महिला टीम के कोच कुक 19 मार्च को ही अमेरिका के सिएटल रवाना हो गए थे। वहीं भारतीय ग्रीको रोमन पहलवानों को कोचिंग दे रहे दिमिनुताइव कजारशविली भी सोनीपत में पुरुष शिविर को रोक दिए जाने के तुरंत बाद जॉर्जिया लौट गए थे। कुक ने कहा, ‘मेरे लौटने से पहले कुश्ती महासंघ सब कुछ मंजूर कर लिया था क्योंकि मैंने सभी फॉर्म भरे थे। मुझे मार्च महीने का आधा वेतन ही मिला है। जब मैंने इस बारे में पता किया तो उन्होंने बताया कि मेरा वेतन रोका हुआ है।’
उन्होंने कहा, ‘जब से मैं घर में हूं मुझे कोई वेतन नहीं मिला। वे चाहते हैं कि हम जूम पर खिलाड़ियों से जुड़ें लेकिन भुगतान नहीं कर रहे हैं। यह सही नहीं है। यह मजाक है। वे अनुबंध का सम्मान नहीं कर रहे हैं।’ कुक ने दावा किया कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और डब्ल्यूएफआई अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखे हैं। डब्ल्यूएफआई के वहीं तोमर ने माना की कि कोचों का वेतन रोका गया है पर कहा कि उन्हें जल्द ही भुगतान किया जाएगा। तोमर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि क्षेत्रीय साई केंद्र के अधिकारियों को लगा था कि शिविर मार्च के बीच में ही समाप्त हो गया इसलिए कोचों को आधे महीने का वेतन ही दिया गया पर हमने उनसे कहा है कि यह वार्षिक अनुबंध है और हमें उन्हें महीने का पूरा वेतन देना होगा।’