वाशिंगटन। अमेरिका में एच-1बी वर्क वीजा लेकर नौकरियां करने वाले करीब 2 लाख भारतीयों के लिए दोहरी मुसीबत बढ़ गई है। एकतरफ उन्हें कोरोना वायरस महामारी से जूझना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ जून में उनके वीजा की वैधता खत्म हो जाएगी, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लागू किए गए नए कानून के कारण आगे नहीं बढ़ेगी। इसके चलते उन्हें अमेरिका छोडऩा होगा। दूसरी तरफ भारत ने भी इस महामारी के चलते अपना संपर्क पूरे विश्व से तोड़ा हुआ है। इसके चलते ये लोग अमेरिका से भारत भी नहीं लौट सकते हैं। दरअसल दुनिया में कोरोना संक्रमण का कहर सबसे ज्यादा अमेरिका में ही फैला हुआ है, जहां अभी तक 10 लाख से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं। इसके चलते अर्थव्यवस्था में आई महामंदी के कारण अमेरिकी कंपनियों ने मार्च के मध्य में ही एच-1बी वीजा वाले ज्यादातर प्रोफेशनलों को अवैतनिक अवकाश पर भेज दिया था लेकिन इस वीजा से जुड़े नियमों के चलते ये लोग अधिकतम 60 दिन के लिए ही कानूनी तौर पर अमेरिका में रह सकते हैं। इससे ज्यादा दिन ठहरने की स्थिति में उन्हें भारी भरकम जुर्माना चुकाना होगा, जो बिल्कुल असंभव है। अमेरिका में मौजूद ज्यादातर भारतीयों के लिए 60 दिन की यह अवधि जून में पूरी हो रही है। इसके चलते सभी में खौफ की लहर फैली हुई है।
1 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी गंवा चुके हैं नौकरी
कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो महीने में 1 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं। लेकिन अमेरिका के मूल निवासियों के लिए यह चिंता की बात नहीं है। इसका असर केवल वर्क वीजा पर काम करने वालों पर पड़ेगा। एच-1बी वीजा के जरिये अमेरिका में काम करने के लिए आने वालों को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की कठोर नीति रही है। ट्रंप की तरफ से बदले या सख्त कर दिए गए नियमों के कारण हर साल एच-1बी वीजा हासिल करने वालों की संख्या घट रही है। विदेश विभाग के मुताबिक, 2015 में जहां 1.9 करोड़ एच-1बी वीजा जारी किए गए थे, वहीं 2019 में यह संख्या लगातार चार से घटते हुए महज 87 लाख रह गई थी।