नई दिल्ली । दिल्ली में कोरोना से मरने वालों में 66.6 फीसदी बुजुर्ग या पहले से बीमार लोग हैं। डेथ ऑडिट रिपोर्ट के इन आंकड़ों पर विशेषज्ञ समिति ने चिंता जाहिर करते हुए सरकार को इसे कम करने के लिए बुजुर्गों के लिए होम आइसोलेशन खत्म करने के साथ कंटेनमेंट जोन में हाई रिस्क समूह में इनकी जांच को जरूरी बताया है। डेथ रिपोर्ट के मुताबिक कोविड से मरने वालों में 16 से 44 साल की उम्र वाले 17 फीसदी तो 15 साल से कम उम्र वाले 1.5 फीसदी लोग है। डॉ. वी के पॉल के अध्यक्षता वाली समिति की ओर से तैयार रिपोर्ट में कहा है कि 15 सितंबर के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़ी है। उनके मुताबिक 15 सितंबर के बाद रोजोना 30 से 40 के बीच में लोग मर रहे है। अगर बीते दस दिन के आंकड़ों पर ही नजर डाले तो 331 लोगों की मौत हो चुकी है। समिति ने कहा है कि दिल्ली में कोविड की मृत्यु दर 1.9 फीसदी है जो कि देश के राष्ट्रीय औसत मृत्यु दर 1.5 फीसदी से ज्यादा है। विशेषज्ञ समिति ने कोविड से मौत को लेकर कहा है कि दिल्ली में 15 सितंबर के बाद से मौत की संख्या बढ़ी है। रोजाना 30 से 40 के बीच लोगों की मौत हो रही है। अगर बीते 10 दिन का आंकड़े पर ही नजर डाले तो कुल 331 लोगों की मौत हो चुकी है, यानि औसतन रोजाना 33 लोगों की मौत हो रही है। दिल्ली में अभी मृ्त्यु दर 1.9 फीसदी है जो कि राष्ट्रीय औसत 1.5 फीसदी से ज्यादा है। दिल्ली में कोविड से मौत के बढ़ते आंकड़े को देखते विशेषज्ञ समिति ने मौत के आंकड़ों की समीक्षा के बाद चिंता जाहिर की है। साथ ही सरकार को मौत के आंकड़े को कम करने के लिए कुछ सिफारिश की है। जिससे संक्रमण की दर को कम करने के साथ मौत के आंकड़ों को भी कम किया जा सके। आने वाले दिनों में ठंड को देखते हुए मरीजों के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में विशेषज्ञ समिति ने मौत व संक्रमण कम करने के लिए कुछ सिफारिश की है।