लंदन । कोरोना वायरस को महामारी घोषित किये जाने और इसके बढ़ते खतरे को देखते हुए विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने डोप टेस्ट को लेकर नये दिशानिर्देश जारी किये हैं। वाडा की अन्य संगठनों के साथ टेलीकॉन्फ्रेंस के जरिये एक बैठक हुई जिसमें एंटी डोपिंग संगठन (एडीओ) से स्थानीय स्वास्थ अधिकारियों द्वारा लगाई गई पाबंदियों के तहत काम करने को कहा गया है, ताकि खिलाड़ियों को पूरी तरह से सुरक्षा दी जा सके और साथ ही डोपिंग नियंत्रण कार्यक्रम भी ठीक से काम करे। वाडा ने कहा है कि अगर टेस्ट करने वाले अधिकारियों को कोरोनावायरस से पीड़ित पाया जाता है, तो जिन खिलाड़ियों का उन्होंने टेस्ट किया है उनको इस बात की जानकारी दे दी जाएगी। वाडा ने कहा, मास्क का उपयोग करना, काम की जगह को जीवाणु रहित करना और अगर स्थानीय पाबंदियां टेस्ट के दौरान सामने आती हैं तो एडीओ को उनका पालन करना होगा। नये दिशानिर्देशों के अनुसार, एडीओ को खिलाड़ियों के रहने के स्थानों का पता लगाना होगा और उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी होगी क्योंकि अगर कोई खिलाड़ी विदेशों में सफर कर रहा है तो यह जानकारी काफी उपयोगी साबित हो सकती है। इसमें एडीओ को सलाह दी गई है कि अगर टेस्ट प्रोग्राम जारी रहता है तो स्वास्थ अधिकारियों के मुताबिक बेहतर बचाव के विकल्प शामिल करने होंगे, जिससे सैम्पल लेने वाले अधिकारियों की सुरक्षा तय की जा सके। वाडा के अध्यक्ष विटोल्ड बांका ने कहा कि खेल जगत इस समय एक बेहद विपरीत हालातों से गुजर रहा है। कोरोना के कारण वाडा सहित सभी हितधारकों को अपने दैनिक कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ रहा है, पर यह मामला एंटी डोपिंग और खेल से आगे निकल गया है। यह वैश्विक इमरजेंसी है और हमारी पहली प्राथमिकता जनस्वास्थ, सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर है।