*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 10:06 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - अतिगण्ड सुबह 10:43 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहु काल - शाम 03:39 से 05:02 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:20*
*⛅सूर्यास्त - 06:26*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:29 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 से 01:19 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - मंगलवारी चतुर्थी, गांधीजी पुण्यतिथि*
*⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹मंगलवारी चतुर्थी - 30 जनवरी🌹*
*पुण्यकाल : सूर्योदय से सुबह 08:54 तक*
*🌹जैसे सूर्य ग्रहण को दस लाख गुना फल होता है, वैसे ही मंगलवारी चतुर्थी को होता है । बहुत मुश्किल से ऐसा योग आता है । मत्स्य पुराण, नारद पुराण आदि शास्त्र में इसकी भारी महिमा है ।*
*🌹इस दिन अगर कोई जप, दान, ध्यान, संयम करता है तो वह दस लाख गुना प्रभावशाली होता है, ऐसा वेदव्यास जी ने कहा है ।*
🔹 *कर्जे से छुटकारा के लिए*🔹
*🔹मंगलवार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना । जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है । बिना नमक का भोजन करें, मंगल देव का मानसिक आह्वान करें । चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें । कितना भी कर्जदार हो... काम धंधे से बेरोजगार हो... रोजी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा ।*
*🔹विद्यार्थियों के विकास में सहायक ८ सद्गुण🔹*
*🔸विद्यार्थियों के गुणों के विकास में, ज्ञानवृद्धि मैं तथा विद्याध्ययन में ८ सद्गुण अनुभवी विद्वानों ने सहायक बताये हैं:*
*🔸 (१) शांत रहना (२) इन्द्रियों को वश में रखना (३) दुःखदायी दोषों से बचते रहना (४) सदाचार (५) ब्रह्मचर्य (६) अनासक्ति (७) सत्याग्रह (सत्य का पालन और रक्षा करने के लिए किया जानेवाला आग्रह) (८) सहिष्णुता को धारण करना ।*
*🔹 पोषक तत्त्वों से भरपूर मौसमी फल : अमरूद🔹*
*(1) अमरूद शक्तिदायक, कफ-वीर्य वर्धक तथा वायु व पित्त शामक है ।*
*(2) यह सत्त्वगुण व बुद्धि वर्धक है । अतः बौद्धिक सोच-विचार व कम याददाश्त वालों हेतु विशेष हितकारी है ।*
*(3) यह थकान को दूर करता है ।*
*(4) प्यास व जलन को शांत करता है । गर्मी से उत्पन्न रोगों में हितकारी है ।*
*(5) अमरूद में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, रेशे (Fiber), विटामिन ‘ए’, ‘ई’, ‘के’, ‘बी-6’, थायमीन, राइबोफ्लेविन, नायसिन, कैल्शियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, लौह, जस्ता, ताँबा आदि पोषक तत्त्वों के साथ विटामिन ‘सी’ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिससे इसके सेवन से अनेक बीमारियाँ दूर होती हैं ।