मैनपुरी । जिले में 211 परिषदीय स्कूलों के भवन जर्जर हालत में हैं। यहां कभी भी हादसा हो सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर सात महीने बाद भी लोक निर्माण विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है। स्कूलों में पहुंचने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं के लिए यह समस्या बना हुआ है।
शासन के निर्देश पर फरवरी 2020 में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी विजय प्रताप सिंह ने जिले के परिषदीय स्कूलों के भवनों का सत्यापन कराया था। इस दौरान जिले में 211 परिषदीय स्कूलों के परिसर में खड़े भवन जर्जर मिले थे। मार्च 2020 में बीएसए ने इन भवनों को गिराने का प्रस्ताव तैयार कर जिलाधिकारी को भेज दिया।
जिलाधिकारी ने प्रस्ताव पर सहमति देते हुए एक समिति के माध्यम से इन भवनों को ध्वस्त कराने के निर्देश दिए। समिति को लोक निर्माण विभाग की देखरेख में इन भवनों को ध्वस्त कराना था, लेकिन लोक निर्माण विभाग ने सात महीने बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। लोक निर्माण विभाग ने काम की अधिकता बताते हुए इस कार्य को पूरा करने में असमर्थता जताई है। अब ये भवन कभी भी किसी हादसे को आमंत्रण दे सकते हैं। शुक्रवार को चिह्नित भवनों में से एक प्राथमिक विद्यालय कपूरपुर के भवन का एक हिस्सा गिर चुका है।
किस विकास खंड में कितने भवन हैं जर्जर
मैनपुरी- 39
सुल्तानगंज- 30
बेवर- 30
कुरावली- 28
जागीर- 22
करहल। -19
बरनाहल- 16
किशनी- 14
घिरोर- 13
प्रशासन नहीं ले पा रहा निर्णय किससे लिया जाए काम
जर्जर भवन को लेकर सबसे पहले फरवरी 2020 में ग्राम प्रधानों को ध्वस्तीकरण और मलवा हटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सचिव और प्रधान को भवन की मलबे की कीमत का आंकलन कर नीलाम कराना था। यहां भ्रष्टाचार की शिकायत हुईं, इसके बाद लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई यहां काम की अधिकता बताकर हाथ खड़े कर दिए गए। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को जर्जर भवनों को ध्वस्तीकरण की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया है।
सात महीने पहले ही जर्जर भवन का चिन्हीकरण कराकर प्रधानाध्यापकों को इनमें बच्चों को न बैठाने के निर्देश दिए गए हैं। फिर भी परिसर में जर्जर भवन होने पर बच्चों के भविष्य के लिए खतरा तो है ही। ऐसे में इन भवनों को गिराने के लिए प्रस्ताव तैयार कर जिला प्रशासन के माध्यम से संबंधित विभागों को भेजा जा चुका है। विजय प्रताप सिंह, बीएसए