पापुआ न्यू गिनी के काओकलाम गांव में हुई लैंडस्लाइड में 2 हजार से ज्यादा लोग दबे हुए हैं। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, पापुआ न्यू गिनी की सरकार ने खुद संयुक्त राष्ट्र (UN) को इसकी जानकारी दी है।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ABC के मुताबिक, लैंडस्लाइड 24 मई को पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर दूर एंगा प्रांत के गांव में स्थानीय समयानुसार सुबह करीब तीन बजे हुआ। वहां अभी भी पिछले 4 दिन से लगातार लैंडस्लाइड हो रहा है।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, काओकलाम में माउंट मुंगालो पहाड़ का एक हिस्सा ढ़ह गया था, जिससे मलबा गांव में आ गिरा। उन्होंने बताया कि उस वक्त पूरा गांव सो रहा था इसलिए उन्हें बचने का मौका नहीं मिला।
'मदद नहीं की तो दबे लोग मर जाएंगे' पापुआ न्यू गिनी की सरकार ने UN और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से तुरंत मदद करने की अपील की है। सरकार के मुताबिक, अगर मदद नही की गई तो मलबे में दबे जिंदा लोग मर जाएगे।
पापुआ न्यू गिनी के डिजास्टर मैनेजमेंट के मुताबिक, वहां सबसे ज्यादा नुकसान खेती को हुआ है, जिससे भुखमरी के हालात बन गए है। काओकलाम को जाने वाली सड़क भी बंद है। अधिकारियों ने UN को बताया कि वहां अभी भी लैंडस्लाइड हो रही है। इससे वहां मौजूद रेस्क्यू टीम और लोगों की जान को खतरा बढ़ गया है। लोगों को बचाने के लिए सेना को भी भेजा गया है।
लैंडस्लाइड से एक दिन पहले भूकंप आया था
लैंडस्लाइड से पहले पापुआ न्यू गिनी में भूकंप के झटके भी महसूस किए गए थे। भूकंप फिन्सचाफेन से 39 किलोमीटर नॉर्थवेस्ट में आया था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 मापी गई थी। भारतीय समयानुसार पापुआ न्यू गिनी में यह भूकंप गुरुवार (23 मई) को सुबह 9 बजकर 49 मिनट पर आया था। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने भी पापुआ न्यू गिनी में भूकंप की पुष्टि की थी।
लैंडस्लाइड के 3 दिन बाद चमत्कारिक रूप से बचे दंपती
कल हुई भारी बारिश के बाद आशंका जताई जाने लगी थी कि इलाके में फैला मलबा खतरनाक बन सकता है , जिससे बचाव प्रयास में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर मौजूद है। हालांकि, अभी भी सर्च के लिए जरूरी चीजें नहीं पहुंच पाई हैं क्योंकि मुख्य सड़क से संपर्क कट चुका है। प्रभावित इलाके तक पहुंचने के लिए फिलहाल हेलिकॉप्टर ही एक विकल्प है।
शुक्रवार को हुए लैंडस्लाइड के बाद अब तक सिर्फ 6 शव मिल पाए हैं। UN ने कहा है कि मौतों की संख्या बदल सकती है। ऐशी विषम परिस्थितियों में लैंडस्लाइड के 3 दिन बाद चमत्कारिक रूप से एक दंपति को जिंदा निकाल लिया गया है। सोमवार को जब बचाव टीम घटनास्थल पर पहुंची तो उन्हें मदद की गुहार सुनाई दी। इसके बाद उन्हें बचा लिया गया।
जॉनसन और जैकलीन यानडम ने NBC न्यूज से कहा कि उनका जिंदा बचना एक 'चमत्कार' था। उन्हें जिंदा बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब लैंडस्लाइड हुआ तो उन्हें लगा कि बड़े से पत्थर के नीचे दबकर उनकी मौत हो जाएगी मगर ऐसा नहीं हुआ। दंपति ने कहा कि उन्हें लगता है कि ऊपर वाले ने उन्हें किसी खास मकसद के जिंदा बचाया है।