*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹विद्यार्थियों को सफल बनानेवालीं सार कुंजियाँ🔹*
*🔸(विद्यार्थियों के हितैषी व लाड़ले पूज्य बापूजी के सत्संग से)*
*🔸पढ़ते समय अगर बच्चों को आलस्य आता' है, नींद आती है तो उनके कमरे में हरे रंग के पर्दे लगा दो, आलस्य और नींद गायब हो जायेंगे ।*
*🔸परीक्षा देने जाते समय दही और शक्कर मिला के थोड़ा-सा बच्चों को दो, केसर का तिलक करो । आहा ! बच्चे अंक अच्छे लायेंगे और प्रसन्न व परीक्षा में अच्छे स्वस्थ रहेंगे ।*
*🔸बच्चो ! देर रात तक नहीं जागना । रात को समय पर सो जाओ और प्रातः जल्दी उठकर ब्राह्ममुहूर्त का लाभ लो ।*
*🔸नींद में से उठो तो शरीर को अच्छे-से खींचो फिर थोड़ा ढीला छोड़ो. खींचो फिर ढीला छोड़ो तो मन में, बुद्धि में आत्मा की शक्ति ज्यादा आयेगी । फिर १-२ मिनट शांत बैठ जाओ । 'मैं भगवान का हूँ, भगवान मेरे हैं । हे भगवान ! मैं तेरा हूँ, तू मेरा है ।' ऐसा चिंतन करके फिर 'हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ... करके जोर से हँसो तो तुम्हारा रक्त तो शुद्ध होगा, ७२ हजार नाड़ियाँ शुद्ध होंगी और घर का वातावरण भी पवित्र होगा ।*
*🔸चाय-कॉफी पीना नहीं, किसीको पिलाना नहीं, खाली पेट तो दुश्मन को भी नहीं देना ।*
*🔸खाली पेट तुलसी के ५-७ पत्ते चबा के थोड़ा- सा पानी पी लें. स्मरणशक्ति बढ़ेगी । रविवार को तुलसी के पत्ते न खायें ।*
*🔸स्नान के बाद भ्रामरी प्राणायाम (चमत्कारिक ॐकार प्रयोग ) और सारस्वत्य मंत्र, गुरुमंत्र या भगवन्नाम का जप करो ।*
*🔸सूर्यस्नान व सूर्यनमस्कार करने और सूर्य को अर्घ्य देने से शरीर तंदुरुस्त तथा बुद्धि विशेष विकसित होगी ।*
*🔸जिन विद्यार्थियों को पढ़ा हुआ याद नहीं रहता वे यदि पढ़ते समय जिह्वा को तालू में लगाकर पढ़ेंगे तो उन्हें पढ़ा हुआ याद रहने लगेगा ।*
*🔸१० मि.ली. तुलसी-रस (या तुलसी अर्क) अनार के रस में या गुनगुने पानी में च्यवनप्राश मिलाकर बनाये गये घोल में मिला के ४० दिन तक लें और सारस्वत्य मंत्र जपें तो स्मरणशक्ति, बुद्धिशक्ति विलक्षण लक्षणों से सम्पन्न होगी ।*
*🔹केले के चिप्स से सावधान !🔹*
*🔸केले के चिप्स कच्चे केले को तलकर बनाये जाते हैं ।*
*🔸चरक संहिता (सूत्रस्थान : २६.१००, १०२) में आचार्य चरकजी कहते हैं : जिस आहार-द्रव्य में उचितरूप से रस उत्पन्न न हुए हों अर्थात् जो अति कच्चा हो (जैसे कच्चे केले) अथवा जो अतिक्रांत रस से युक्त हो माने जो अति पक गया हो उसका सेवन करना सम्पद्- विरुद्ध (अर्थात् प्राकृत गुण उत्पन्न होने से पहले या उनमें विकृति होने पर सेवन करने में अहितकर) माना जाता है ।*
*🔸विरुद्ध आहार के सेवन से पेट फूलना, अम्लपित्त (hyperacidity), जलोदर (ascites), विसर्प (herpes), रक्ताल्पता (anaemia), नपुंसकता आदि रोग होते हैं ।*
*🔸जानकारों का कहना है कि सैच्युरेटेड फैट्स की प्रचुरता के कारण कच्चे केले के चिप्स से कोलेस्ट्रॉल की वृद्धि, मोटापा आदि रोग होते हैं ।*
*🔸शक्कर से लेपित केले के चिप्स के सेवन से रक्त- शर्करा (blood sugar) की वृद्धि होती है, जिससे मधुमेह (diabetes) होने की सम्भावना होती है ।*
*🔸अति पका या कच्चा फल किसी भी हालत में नहीं खाना चाहिए । कच्चे केले के चिप्स अथवा कच्चे केले की सब्जी खाना भविष्य के लिए कैंसर को बुलावा देना है । ऐसा नमकीन जो खायेंगे देर-सवेर बीमार होंगे, उनको आमदोष के रोग होंगे ।*