पर्यावरण सुधार के साथ ही पर्यटक हितैषी उपाय, पर्यटकों के लिए परिवहन की व्यवस्था, कनेक्टिविटी, पार्किंग सहित ठहरने की उचित व्यवस्था जैसे कई घटकों को शामिल किया गया है। इन पांच अभयारण्यों में कूनो नेशनल पार्क के अलावा ग्वालियर का सोनचिरैया अभयारण्य, माधव नेशनल पार्क, ओरछा अभयारण्य और राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य को शामिल किया गया है।
मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक कंपनी सांई कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है। कंपनी ने प्राथमिक तौर पर कूनो नेशनल पार्क और सोनचिरैया अभयारण्य के मास्टर प्लान पर काम शुरू भी कर दिया गया है।
कंपनी जिला स्तरीय निगरानी समिति के साथ समन्वय कर प्लान तैयार कर रही है। श्योपुर कलेक्टर किशोर कान्याल के अनुसार कूनो के ड्राफ्ट प्लान को स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है। वहीं, सोनचिरैया अभयारण्य को लेकर मैदानी सर्वे शुरू किया गया है।
कूनो नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 748.76 वर्ग किमी है। इसमें से 725.90 किमी इलाके को इको सेंसिटिव जोन के तौर पर चिह्नित किया गया है।
चीतों के आने के बाद कूनो के आसपास के इलाके में पर्यटन गतिविधियां बढ़ी हैं। श्योपुर जिले में कुछ होटलों के अलावा पर्यटन बोर्ड ने भी अपनी तरफ से पैकेज जारी कर पर्यटकों को आकर्षित करने के प्रयास किए हैं।