बिजली के बिलों को माफ़ करने का, वादा तुमने भी किया था, भूल गए हो शायद।
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21-01-2022 12:19 PM
बिजली के बिलों को माफ़ करने का, वादा तुमने भी किया था, भूल गए हो शायद। क़समे तुमने भी खाई थी, जनता को याद है शायद। नेताजी सुबह से लेकर शाम तक, शाम से लेकर सुबह तक, शहर से लेकर गांव तक,धूप से लेकर छांव तक,नेताजी बस झूठ बोलो,झूठे वादे करो,लोगों को फ्री बिजली दो,बिजली का बिल आ जाए तो उसको माफ करो,जब चुनाव जीत जाओ या महामारी खत्म हो जाए तो इन बिजली के बिलों पर ब्याज के साथ फिर से वसूल करो,पहले लोगों के आंसू पोछो,फिर बिजली का झटका दो। ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहा है,कोरोना लॉकडाउन के समय लोग अपने घरों में कैद थे, दुकानें बंद,मज़दूरी बंद,निजी दफ्तर बंद,ग़रीब लोगों के पास खाने को नहीं,खैरात से कई ग़रीबों ने किसी तरीके से अपने खर्चे की गाड़ी धीरे धीरे चलाई,उस समय एक ख़बर ने इन ग़रीबों के जख्मों पर मरहम का काम किया था,वह ख़बर थी मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा ग़रीब जनता के बिजली के बिलों को माफ़ करना,ग़रीब जनता खुश थी उनको लगा कोई साथ हो ना हो पर सरकार उनके साथ खड़ी है, और सरकार ने उनके बिजली के बिल माफ़ कर दिए हैं,ग़रीबों को यह नहीं मालूम था,जो आर्थिक रूपी ज़ख्म लॉकडाउन के समय में हुए थे,जिस पर सरकार के द्वारा बिजली बिल माफ़ी का मरहम लगाया गया था,वह मरहम नकली था,आज वह ज़ख्म फिर से हरा हो गया,आज वह ज़ख्म कैंसर के रूप में उभर कर सामने आ गया। ग़रीब आदमी जिसकी आमदनी महीने भर की आठ,दस हजार रुपए,बिजली विभाग के द्वारा हजारों रुपए का बिल सौंप दिया गया,बिजली के बिलों को देखकर ग़रीबों की रातों की नींद उड़ गई है,दिन का चैन खत्म हो गया है, दरवाज़े पर हल्की सी आहट सुनकर दिल धक से हो जाता है, ग़रीब सोचता है,कहीं ऐसा तो नहीं,बिजली विभाग वाले आ गए हो और बिजली काट कर चले जाए,क्योंकि उनके दिलों में डर बैठा है,मोहल्ले में जब भी बिजली विभाग वाले आते हैं,साथ में बंदूक धारी सिक्योरिटी गार्ड एवं पुलिस वालों को साथ लाते हैं, बिल जमा न करने पर पहले खरी-खोटी सुनाते हैं,फिर बिजली की लाइन काट कर चले जाते हैं,बिजली विभाग का कहना है,लॉकडाउन के समय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा बिजली के बिल माफ नहीं किए गए थे, बल्कि बिजली के बिलों को स्थगित कर दिया गया था,एक तो हज़ारों के बिल उस पर कोरोना सर चार्ज,इससे भी बिजली विभाग वालों का दिल नहीं भरा तो बिजली के बिलों के ऊपर चक्रवर्ती ब्याज,बिजली के बिलों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे ब्याज पर पैसे चलाने वाला साहूकार जो हर महीने चक्रवर्ती ब्याज लेता है,वैसे ही बिजली विभाग हर महीने चक्रवर्ती ब्याज आपसे वसूल करता है,ऐसा लगता है ब्याज पर पैसा चलाने वाले एवं बिजली विभाग वाले भाई हो,जैसे साहूकार जो ब्याज पर पैसा चलाता है,बदमाशों को घर पर लाकर धमकियां देता है, वैसे ही बिजली विभाग के कारिंदे घरों पर आकर घर की मां बहनों के साथ बदसलूकी करते हैं और धमकी देकर जाते हैं,शाम तक बिजली का बिल जमा करवा देना नहीं तो तुम्हारे घर की लाइट कट जाएगी । मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील करता हूं,जो आपने वादा किया था,बिजली के बिलों की माफ़ी को लेकर उस पर कायम रहे,आज आपको बिजली विभाग के अधिकारी बदनाम कर रहे हैं और कहते फिर रहे हैं, मुख्यमंत्री ने बिजली का बिल माफ़ नहीं किया था,बिजली के बिल स्थगित किए थे,मध्य प्रदेश की जनता ने आप का बयान समाचार पत्रों में पढ़ा भी था,टीवी पर,सोशल मीडिया पर,आपके बयान को देखा भी था, मुख्यमंत्री जी मध्य प्रदेश की जनता आपसे बहुत स्नेह करती है,आपकी हर बात पर भरोसा करती है,आप मध्य प्रदेश की ग़रीब जनता का भरोसा टूटने ना दें। आपके प्रदेश का ग़रीब आदमी महीना भर में मुश्किल से पांच से सात हजार महीना कमाता है,किस तरह वह अपना घर चलाता है,आप यह बात अच्छी तरह से जानते हो क्योंकि आप भी एक अति मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखते हैं,ग़रीब आदमी महीना भर रूखी सूखी खाता है,फिर भी उसका गुज़ारा पूरा नहीं हो पाता,तो ग़रीब आदमी इतने भारी भरकम बिलों को कैसे चुकता करेगा,बिजली विभाग ने हज़ारों रुपए के बिल को सात क़िस्तों में बांट दिया है और एक किस्त तकरीबन पांच से सात हजार रुपए की आ रही है, मुझे तो नहीं लगता की ग़रीब आदमी इतने भारी भरकम बिल जमा कर सकें,बिजली कटेगी, इंसान अंधेरे में नहीं रह सकता, वह चोरी की बिजली जलाएगा, बिजली विभाग को और घाटा बढ़ेगा,किस-किस पर बिजली विभाग कार्यवाही करेगा। ना अब कोई वादा, ना अब कोई यकीन, ना अब कोई उम्मीद ।
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