श्रावण मास मे ऐसे करे पूजा शिवजी तुरंत होंगे राजी और बरसायेंगे असीम कृपा
Updated on
04-07-2023 02:47 PM
दूध से अभिषेक करने पर सुख शांति एवं पुत्र प्राप्ति, दही से करने पर वाहन प्राप्ति, घी शहद से करने पर मकान प्राप्ति और वंश का विस्तार, कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग शांति, गन्ना का रस से करने पर लक्ष्मी व्यापार में वृद्धि, अनार के रस से करने पर शीघ्र विवाह, पंचामृत से मनोकामना पूर्ति होती है
🌷 *श्रावणमास* 🌷
🙏🏻 *श्रावण हिन्दू धर्म का पञ्चम महीना है। श्रावण मास शिवजी को विशेष प्रिय है । भोलेनाथ ने स्वयं कहा है—*
➡ *अर्थात मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है, इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है।*
🙏🏻 *श्रावण मास में शिवजी की पूजाकी जाती है | “अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि विनाशनम्” श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।*
🙏🏻 *श्रावण मास में मनुष्य को नियमपूर्वक नक्त भोजन करना चाहिए ।*
➡ *श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व है*
🌷 *“स्वस्य यद्रोचतेऽत्यन्तं भोज्यं वा भोग्यमेव वा। सङ्कल्पय द्विजवर्याय दत्वा मासे स्वयं त्यजेत् ।।”*
🙏🏻 *श्रावण में सङ्कल्प लेकर अपनी सबसे प्रिय वस्तु (खाने का पदार्थ अथवा सुखोपभोग) का त्याग कर देना चाहिए और उसको ब्राह्मणों को दान देना चाहिए।*
🌷 *“केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात”*
🙏🏻 *श्रावण मास में भूमि पर शयन का विशेष महत्व है। ऐसा करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।*
➡ *शिवपुराण के अनुसार श्रावण में घी का दान पुष्टिदायक है।*
"सावन मास के पहले दिन खरीदें यह 10 सामग्री, अच्छे दिनों की होगी शुरुआत"
1 . त्रिशूल : त्रिशूल शिव के हाथों में हमेशा होता है। यह 3 देव और 3 लोक का प्रतीक है। अत: सावन मास के प्रथम दिन चांदी का त्रिशूल लाने से वर्ष भर आपदाओं से रक्षा होती है।
2. रुद्राक्ष : सुख, सौभाग्य और समृद्धि के लिए तथा मन की पवित्रता के लिए असली रुद्राक्ष को घर में लाएं या फिर घर में रखे रुद्राक्ष को चांदी में गढ़वा कर पहनें। यह आपके जीवन के लिए अत्यंत शुभ और समृद्धिदायक होगा।
3. डमरू : यह शिव का पवित्र वाद्य यंत्र है। इसकी पवित्र ध्वनि से आसपास से समस्त नकारात्मक शक्तियां दूर भागती है। आरोग्य के लिए भी डमरू की ध्वनि असरकारक मानी गई है। सावन मास के प्रथम दिन लाकर रखें और अंतिम दिन किसी बच्चे को यह डमरू उपहार में दें।
4. चांदी के नंदी : नंदी शिव जी का गण भी है और वाहन भी। सावन मास के पहले दिन चांदी के नंदी को घर में लाकर माह भर पूजा करें तो यह आर्थिक संकटों से मुक्ति दिलाता है
5. जल पात्र : जल शिव जी को अत्यंत प्रिय है। आप चाहे तो सावन मास के प्रथम दिन गंगाजल लाकर घर में रखें और माह भर पूजन करें लेकिन अगर यह संभव नहीं है तो आप चांदी, तांबे या पीतल का पात्र लाकर उसमें शुद्ध स्वच्छ निर्मल जल भरें और प्रतिदिन उससे शिवजी को जल अर्पित कर पुन: भरकर रख दें। यह प्रयोग भी धन के आगमन के लिए सबसे अधिक प्रभावी है।
6. सर्प : भगवान शिव के गले में सर्पराज हर घड़ी रहते हैं। अत: सावन मास के प्रथम दिन चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को घर में लाकर रखें, हर दिन पूजन करें और सावन के अंतिम दिन उसे किसी शिव मंदिर में ले जाकर रख दें। यह प्रयोग आपको पितृ दोष और काल सर्प योग में राहत देता है।
7. चांदी की डिब्बी में भस्म : किसी भी शिव मंदिर से भस्म लाकर उसे नई चांदी की डिब्बी में लाकर रखें, माह भर उसे पूजन में शामिल करें और बाद में तिजोरी में रख दें। बरकत के लिए यह अचूक प्रयोग है।
8. चांदी का कड़ा : भगवान शिव पैरों में चांदी का कड़ा धारण करते हैं। सावन मास के पहले दिन यह लाकर रखने से तीर्थ यात्रा और विदेश यात्रा के शुभ योग बनते हैं।
9. चांदी का चंद्र या मोती : भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजित हैं। अत: सावन मास के प्रथम दिन चांदी के चंद्र देव लाकर पूजन में रखें अगर संभव हो तो सच्चा मोती भी ला सकते हैं। मोती चंद्र ग्रह की शांति करता है। इसे करने से चंद्र ग्रह की शांति तो होती ही है साथ ही मन भी मजबूत होता है। चाहे तो चंद्र और मोती का साथ में पेंडेट लाकर धारण कर सकते हैं।
10. चांदी के बिल्व पत्र :हम पूरे सावन माह में शिव जी को बिल्व पत्र अर्पित करते हैं। लेकिन कई बार शुद्ध अखंडित बिल्वपत्र मिलना संभव नहीं होता। ऐसे में चांदी का महीन बिल्वपत्र लाकर प्रतिदिन शिव जी को अर्पित करने से करोड़ों पापों का नाश होता है और घर में शुभ कार्यों का संयोग बनता है।