कोरोना पर पुरुषों से अलग ये सोचती हैं महिलाएं, इसलिए रहती हैं ज्यादा सुरक्षित
Updated on
18-10-2020 09:34 PM
नई दिल्ली । कोरोना वायरस पर हुए पूर्व अध्ययनों में वायरस को पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए कम खतरनाक बताया गया है। वायरस पर हुए एक और अधय्यन में सामने आया है कि कोरोना के प्रति महिलाओं दृष्टिकोण पुरुषों की तुलना में बहुत अलग होता है। महामारी के मद्देनजर लागू किए जाने वाले प्रोटकोल का महिलाएं ज्यादा सख्ती से पालन करती हैं। पुरुषों की तुलना में महिला कोविड-19 को लेकर अधिक चिंतित हैं। यह सर्वे दुनिया के आठ देशों में मार्च-अप्रैल में किया गया, जो साबित करता है कि महिलाएं कोविड-19 के बढ़ते खतरे को लेकर अधिक सतर्क हैं। यह आठ देश आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के सदस्य राज्य हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, सभी आठ देशों में किए गए इस सर्वे में स्वास्थ्य संकट के प्रति दृष्टिकोण में बड़े पैमाने पर लिंग आधारित अंतर पाया गया है। यह व्यवहारगत अंतर आंशिक रूप से दोनों लिंग के साथ रहने और उनके एक साथ कोरोना की चपेट में आने की स्थिति में कम दिखाई दिया है। इस अध्ययन के परिणाम स्वास्थ्य नीति निर्माताओं को लिंग-विशिष्ट नीतियां बनाने के बारे में सोचने के लिए विवश कर सकते हैं, क्योंकि दोनों लिंग के बीच एक महत्वपूर्ण व्यवहारिक अंतर देखने को मिला है।
बता दें कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 39 मिलियन पहुंच चुकी है जबकि 1.1 मिलियन से अधिक लोगों ने वायरस के कारण दम तोड़ा है। संक्रमण के लिहाज से शीर्ष तीन देशों अमेरिका, भारत और ब्राजील में कोविड-19 मामलों की संख्या सबसे अधिक है। इनमें महिलओं की तुलना में पुरुष संक्रमितों की संख्या ज्यादा है। लिंग के आधार पर कोविड-19 के प्रति इस व्यवहारिक अंतर के पीछे का कारण यह तथ्य बताता है कि महिलाओं के नेतृत्व वाले देशों ने कोरोना संकट के दौरान प्रोटोकोल का अच्छे से पालन किया है।
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