चेक रिपब्लिक के कुटना होरा शहर में टहलने निकली एक महिला को मिडिल एज का खजाना मिला है। अमेरिकी मीडिया फॉक्स न्यूज के मुताबिक इस महिला को साल 1085 से 1107 के बीच के 2 हजार 150 चांदी के सिक्के मिले हैं।
इन सिक्कों को प्राग में बनाया गया था। यहां से इन्हें बोहेमिया इम्पोर्ट किया गया होगा। चेक एकेडमी ऑफ साइंस के पुरातत्व विभाग ने बताया कि इन सिक्कों को चांदी के अलावा तांबा, सीसा और दूसरे बारीक मेटल को मिलाकर बनाया गया था।
पुरातत्वविद फिलिप वेलेम्स्की ने बताया कि जब देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल था, तब इस खजाने को जमीन में गाढ़ दिया गया होगा। उस वक्त देश में प्रीमिसल राजवंश के सदस्यों के बीच प्राग की राजगद्दी को लेकर विवाद था। ऐसे में अक्सर जंग होती रहती थी।
सेरेमिक कंटेनर में छिपाए गए थे चांदी के सिक्के
ये सिक्के एक सिरेमिक कंटेनर में रखे गए थे जो समय के साथ नष्ट हो गया। हालांकि, एक्सपर्ट्स इस कंटेनर के निचले हिस्से की खोज करने में कामयाब रहे। पुरातत्वविद वेलिम्स्की ने कहा है कि यह दशकों में एक बार होने वाली खोज है। 11वीं-12वीं सदी में मैन्युफैक्चर होने की वजह से इसकी कीमत अब कितनी होगी, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। लेकिन फिर भी यह लाखों की लौटरी जीतने जैसा है।
चेक रिपब्लिक के अधिकारियों ने इसे पिछले एक दशक की सबसे बड़ी खोज घोषित किया है। फिलहाल पुरातत्वविद इन सिक्कों पर रिसर्च कर रहे हैं। इसके तहत इनका एक्स-रे किया जाएगा, जिससे इसमें इस्तेमाल हुए मेटल्स के बारे में और जानकारी हासिल की जा सके। इन सिक्कों को अगले साल एक प्रदर्शनी में रखा जाएगा।
9वीं सदी में अस्तित्व में आया था प्रीमिसल राजवंश
प्रीमिसल राजवंश एक बोरेमियन राजपरिवार था। इन्होंने पोलैंड के अलावा प्राग के आसपास के क्षेत्र, हंगरी और ऑस्ट्रिया में राज किया था। यह राजवंश 9वीं सदी में अस्तित्व में आया था। धीरे-धीरे करके इस राजवंश ने पूरे बोहेमिया क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।
चेक रिपब्लिक में ही हुआ डॉलर का जन्म
चेक रिपब्लिक वही देश है, जहां के जैखीमोव शहर में 500 साल पहले 1520 में डॉलर का जन्म हुआ। हालांकि, यह करंसी यहां मान्य नहीं है। शहर के रॉयल मिंट हाउस म्यूजियम में इसकी नींव पड़ी थी। दुनिया के 31 देशों ने या तो इसे अपनी आधिकारिक करंसी घोषित की या फिर अपनी मुद्रा का नाम बदलकर डॉलर किया।
अमेरिकी डॉलर दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली करंसी है, जबकि चेक रिपब्लिक की मौजूदा करंसी कोरुना है। डॉलर का जन्मस्थान और ऐतिहासिक महत्व के कारण UNESCO ने जैखीमोव शहर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी घोषित किया है।