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सकारात्मक राजनीति पर फिरोज के पोते राहुल गांधी की पार्टी के लोगों को तकलीफ क्यों

Updated on 04-02-2022 11:57 PM
वर्तमान परिदृश्य की अगर बात की जाए तो साफ रूप से देखा जा रहा है कि सकारात्मक राजनीति के दृष्टिकोण से राष्ट्रवादी लोगों के नाम पर कुछ जगहों के नाम रखे जा रहे हैं I वही राष्ट्रवादी लोग हैं जिन्होंने राष्ट्र को अंग्रेजों से स्वतंत्र करवाने के लिए हिंदुस्तान के लोगों को आज आजादी का यह दिन दिखाने के अनेकों प्रत्यन और जतन किए हैं I यह कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा कि इन राष्ट्रवादी विचारों के कारण ही आज हमारा देश प्रगति की ओर अग्रसर हो पाया है I  हम बात करें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की या हम बात करें पंडित दीनदयाल जी की या हम बात करें गांधी जी की या हम बात करें तात्या टोपे जी की यह हम बात करें चंद्रशेखर आजाद जी की या हम बात करें महाराणा प्रताप जी की, हम बात करें अटल बिहारी जी की चाहे हम बात करें लाल बहादुर शास्त्री जी की अनेकों ऐसे महान जननायक रहे हैं जिनको आज जनता क्षेत्र पहचानती भी नहीं जिस तरीके से हम बात करें मंगल पांडे जी की, टंट्या भील जी की ऐसे अनेक लोग हैं जिन्होंने राष्ट्र के प्रति अपना समर्पण दिखाया है और अपनी प्रजा की रक्षा के लिए राष्ट्र के प्रति सकारात्मक निर्णय लेते हुए अपने प्राणों की बलि दे दी I जैसे कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की बात करें या अनेकों ऐसे लोग हैं तो क्या इन्हें हम सम्मान दें यह गलत बात है ? रानी कमलावती जी के बारे में कौन नहीं जानता कि उन्होंने भोपाल के लिए जो उस समय का भोजपाल था समर्पित रूप से रक्षा के लिए अपने प्राणों की बलि दे दी, परंतु घुटने नहीं टेके I ऐसे लोगों के नाम पर अगर जगहों के नाम रखे जाएं तो क्या गलत बात है ! जब मुंबई का नाम बॉम्बे से बदला जाता है तब किसी को दर्द नहीं होता I तब कांग्रेसियों के मन में कोई पीड़ा नहीं होती I परंतु सकारात्मक राजनीति के नाम पर अगर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से उत्तर प्रदेश की जिन्ना की तस्वीर भी हटाई जाती है तो कांग्रेसियों के पेट दुखने लगते हैं ऐसा क्यों ? आखिर जिन्ना से हिंदुस्तानियों का क्या लेना देना ! बल्कि जिनना तो वह व्यक्ति है जिसको हिंदुस्तान और पाकिस्तान की सरहद बनाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है I कांग्रेस हमेशा से विरोध करती आई है यह कौन नहीं जानता और इनकी ढोंग की राजनीति भी सब जानते हैं और सब भली भांति परिचित भी है पर ढोंग की राजनीति करते - करते राष्ट्र नीतियों का ही यह विरोध करने लगे यह एक निंदनीय कृत्य है I भोपाल का नाम भोपाल क्यों होना चाहिए ! इसका क्या अर्थ है यह तो राजा भोजपाल की नगरी थी I जब भोपाल यूनिवर्सिटी का नाम बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी रखा गया तो किसी को तकलीफ नहीं हुई क्योंकि माना गया था कि बरकतउल्ला एक बुद्धिजीवी व्यक्ति थे और बुद्धिजीवी व्यक्ति के नाम पर अगर कोई नाम रखा जा रहा है तो किसी को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए पर जिसने हम पर आक्रमण किया हमारे देशवासियों को राष्ट्रवासियों को गुलाम बनाया उन पर क्रूरता दिखाइए उनके नामों को याद करने का क्या आशय बनता है यह कांग्रेस को जवाब देना चाहिए I नर्मदापुरम संभाग में स्थित बाबई बाबर के नाम पर क्यों रखा गया ! बाबर तो वह व्यक्ति था जिसने हम हिंदुस्तानियों पर अत्याचार किए मंदिरों को तोड़ा इतिहास मिटाने की क्रूरता करके अनेकों निर्दोष लोगों के प्राणों की बलि ली I औरंगजेब भी वह व्यक्ति था जिसने हजारों की संख्या में मंदिरों और हिंदुओं की संपत्ति को तोड़ा I विषय हिंदू मुसलमान का नहीं है परंतु विषय क्रूरता और जबरदस्ती अपना गुलाम बना कर संपत्ति हड़पने का है I इलाहाबाद की बात की जाए तो प्रयागराज नाम उचित ही नहीं अति उत्तम है, क्योंकि योग्य वस्तु का मूल हमेशा बरकरार रहता है और योग्यता के आधार पर ही शहरों के भी नाम नदियों के भी नाम दिए जाने चाहिए I हिंदुस्तान में तो कई नदियों को हमने मां का दर्जा दिया है मां का दर्जा इसलिए दिया है ताकि उनकी और हम सकारात्मक दृष्टिकोण रखें  I वह हमें जीवन देती हैं अपने जल्द से ऊर्जा देती है अपने जल्द से निरोगी बनाती है अपने स्वस्थ जल्द से तो हमें भी उन नदियों में कूड़ा कचरा नहीं फेंकना चाहिए और उनका नाम यदि सकारात्मक रूप से लिया जाए और लिखा जाए तो किसी को क्या आपत्ति पर कांग्रेस को तो इस पर भी आपत्ति है I क्या कांग्रेस एक ऐसा दल हो गया है जो सिर्फ एक समाज विशेष की राजनीति करने पर ही सिमट कर रह गई है यह गंभीर विषय है और सकारात्मक नामों का जहां तक के विषय आता है योग्य शाली व्यक्ति राष्ट्रवादी व्यक्ति जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देदी देश के प्रति समर्पण दिखाते हुए चाहे हम गुरु गोविंद सिंह जी की बात करें या चार साहिब जादे की बात करें इनके नाम पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए I बल्कि इनका नाम शहरों पर राज्यों पर गांव पर पंचायतों पर अवश्य आना चाहिए , ताकि इनके बारे में लोग और अधिक पढ़ें समझे और जाने और हिंदुस्तानियों को अपने आप को पहचानने में अपने इतिहास को पहचानने में अपने बल को पहचानने में शक्ति मिले मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं साधुवाद व्यक्त करता हूं कि उन्होंने इस सकारात्मक राजनीति में राज्यों का सहयोग करते हुए राज्यों को पहल करने की अनुमति दी I मैं सभी सकारात्मक प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों का भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने सकारात्मक निर्णय लेते हुए नाम परिवर्तन के लिए पहल करें जहां तक के बात की जाए कांग्रेस पार्टी की तो यह कौन सी कांग्रेस पार्टी है 133 साल पहले जिस कांग्रेस का निर्माण हुआ था उसका चुनाव चिन्ह तो गाय, बैल और बछड़ा था I जो अब हाथ के पंजे पर आ गया है जाने कि यह एक इटालियन मम्मी, बेटे और जीजा जी की पार्टी हो गई है I 70 सालों में लगभग 75 बार टूट चुकी कांग्रेस पार्टी का ही अंग है कांग्रेसी ओ, कांग्रेस जे, कांग्रेस आई, एनसीपी और टीएमसी आदि। अब तो जनता भी कांग्रेस का असली रूप अच्छे से पहचान गई है और इसलिए देश में केवल तीन चार राज्यों में कांग्रेस पार्टी समिति कर रह गई है I अभी इन्हें अपने ऊपर कार्य करना चाहिए सकारात्मक दृष्टि से जनता के हितकारी योजनाओं को प्रस्तावित करना चाहिए परंतु यह तो नए इतिहास लिखने में ही लगे हैं I क्या हम बात करें राजस्थान की या अन्य राज्यों की यहां कांग्रेस शासित सरकार हैं कांग्रेस शासित सरकार राजस्थान में है वहां महिला अपराधों में राजस्थान नंबर वन पर आ गया है पेट्रोल डीजल की बात की जाए तो कौन नहीं जानता कि राजस्थान में ही सबसे महंगा पेट्रोल डीजल है I पंजाब में भी कांग्रेस की सरकार है वर्तमान में कुछ महिलाओं ने जब बेरोजगारी होने के कारण रोजगार की मांग करें तो उनके मुंह पर पुलिस द्वारा कपड़ा ठूंस कर उन्हें कांग्रेस के कार्यक्रम से दूर ले जाया गया इस प्रकार की राजनीति से स्वयं कांग्रेस को नुकसान होगा जबकि एक पक्ष मजबूत हो तो सत्ता दल को भी कार्य करने में मजा आता है और जनता के हितकारी कार्य और शीघ्रता से होते हैं मेरा मानना है अभी भी समय है कि सकारात्मक राजनीति का दृष्टिकोण भारतीय जनता पार्टी के जैसे हर पार्टी का होना चाहिए I
 गीत धीर,लेखक   (ये लेखक के अपने विचार है)

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