संसार में हर व्यक्ति चमत्कार के पीछे भागता है, इसीलिए कहावत बन गई कि " चमत्कार को नमस्कार "। क्यों इंसान चमत्कार के लिए दीवाना है, शिक्षीत होकर भी इन बातों पर विश्वास करता है, इसका एक कारण यह भी है कि हमारे ज्ञानी पंडित ज्योतिष भविष्यवक्ता अक्सर कहते हैं कि अभी यह ग्रह दशा बदल रही है चमत्कारी रूप से सब ठीक हो जाएगा। पुजारी पंडित मौलवी पादरी कहते हैं कि धर्म स्थान पर आओ जीवन तिर जाएगा और कई व्यक्ति, कई धर्मगुरु अपने आप को चमत्कारी साबित करने के लिए झूठ मुठ के चमत्कार की बातें फैलाते हैं। मैंने एक धर्मगुरु को कहते सुना था " एक बच्चा जो देख नहीं सकता था मैंने उसकी आंखों को देखा मंत्र पढ़ा और कुछ देर बाद वह देखने लग गया "। तो धर्मगुरुजी बताए आई हॉस्पिटलों की जरूरत कहां है। बहुत सारे झूठे चमत्कार फैला रखे हैं, व्यक्ति जानता है कि यह जो चमत्कार की बात कर रहे हैं फरेब है पर वह अनजाने भय में उनका विरोध नहीं करते हैं। पृथ्वी पर कोई ऐसा चमत्कार नहीं है यहां वायरस है, रचना है, जन्म - मरण है। व्यक्ति व्यक्ति ही है, भगवान नहीं, हमारे पूर्वजों ने कई कथाओं में भगवान ईश्वर अल्लाह की सिख दी ताकि हम उनके दिए गए उपदेशों पर शांतीपुर्वक जीवन व्यतीत करें। कई इंसान स्वयं को भगवान का बंदा बता कर, सब को धोखा दे रहे हैं। कहीं कोई ऐसा चमत्कार नहीं है कि आपका बैठे-बिठाए सब काम हो जाए। बहुत सोचिए। अशोक मेहता, लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद् ये लेखक के अपने विचार है I
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वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…