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क्यो जरूरी है मतदान

Updated on 06-07-2022 12:01 AM
स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव एक अच्छे लोकतंत्र की स्थापना की कुंजी है।भारतीय संविधान के अनुसार नियमित, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव आयोजित करवाने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग को दी गई है। इसी तारतम्य में 6 जुलाई 2022 को चुनाव आयोग इंदौर नगर निगम के चुनाव करवाने जा रहा है। प्रत्येक पाँच वर्ष के अंतराल पर चुनाव के माध्यम से हम अपनी स्थानीय सरकार (नगर परिषद) का चुनाव करते हैं। शहर के नागरिक इस चुनावी प्रक्रिया में सीधे तौर पर भाग लेते हैं। कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 18 वर्ष या इससे ज्यादा हो, उसे मतदान करने का अधिकार प्राप्त है। 

चुनाव आयोग के लिए निष्पक्ष, स्वतंत्र और सुरक्षित चुनाव करवाना एक श्रमसाध्य दुष्कर और खर्चीला कार्य है, अत: जब भी चुनाव आते हैं लोग विशेषकर नवयुवा यह सवाल पूछते है कि, क्यों जरूरी है बार बार चुनाव करवाना। चूंकि हमारे देश का शासन लोकतान्त्रिक पद्धति से चलता है जो एक ऐसी शासन पद्धति है जिसके मूल में स्वतंत्रता, समता और बंधुता पर आधारित समाज और जीवन है । 'लोकतंत्र' या डेमोक्रेसी'  की उत्पत्ति मूल ग्रीक शब्द 'डेमोस' से हुई है। डेमोस का अर्थ होता है- 'जन साधारण' और 'क्रेसी' का अर्थ 'शासन' होता है। तो लोकतंत्र का मतलब हुआ एक ऐसी शासन प्रणाली जिसमें लोग शासन करने के लिए अपना प्रतिनिधि चुनते है। ये चुने हुए प्रतिनिधि, ठीक ढंग से कार्य करें, मनमानी ना करने लगें इसलिए निश्चित समय अंतराल में चुनाव कर पुनः नयी सरकार का गठन किया जाना जरूरी है। चुनाव द्वारा ही सरकार को वैधता प्राप्त होती है। 

मतदाता लोकतंत्र का नायक है, वो अपने मत का दान कर अपनी पसंद की सरकार बनाता है। एक आम आदमी जब बूथ तक चल कर जाता है और वोटिंग मशीन पर अपना इच्छित बटन दबाता है तब वो इस लोकतन्त्र की राजनीतिक क्रांति का अग्रदूत साबित होता है। सरकार के गठन हेतु जब आप वोट देने जाते हैं, तो ढेर सारे उम्मीदवारों और कई पार्टियों से आपका पाला पड़ता है। मतदान केंद्र पहुँच कर आपको कुछ ही पलों में फ़ैसला करना होता है कि किस उम्मीदवार को वोट देना है। आपका एक वोट अगले पांच साल की सरकार बनाता है और कुछ क्षणों में लिए गए इस फ़ैसले का असर अगले पांच साल तक देखने को मिलता है। 

वोट के द्वारा अपनी सरकार चुनने के इस अधिकार को पाने की खातिर हमारे पुरखों ने आजादी के संघर्ष मे वर्षो तक अपना खून बहाया था। ‘मतदान’ अर्थात अपने ‘विचार का दान’। दान लालच भाव से या किसी आशा से नहीं किया जाता। ‘भारत का लोकतंत्र सुदृढ़ हो’ यह भाव अवश्य ही मतदाता के मन में बना रहना चाहिए। इसीलिए संविधान में व्यवस्था दी गई है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों। 
भारत का प्रत्येक नागरिक, जिसकी आयु 18 वर्ष हो चुकी है उसे मतदान करके अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाना चाहिए। और जब आप मतदान करने जा रहे हों तो अपने पुरखों की उपरोक्त बातों को ध्यान में रख कर ही मतदान करें। भ्रष्ट साधन न अपनाएं। लालच में न आए। निर्भीक और निडर भाव से वोट डालें। वोट देते समय यदि मतदाता ने कुछ ले लिया तो समझो उसने लोकतंत्र का गला दबा दिया। इन सब प्रलोभनों से मतदाता को बचना है। इस शहर के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रख कर अपने मत का प्रयोग करें। वोट बहुत मूल्यवान वस्तु है। एक-एक वोट से सरकार बनती और गिर जाती है। वोट का महत्व समझ कर ही वोट डालें और अवश्य डालें। स्वतंत्र मन से अपना मत डालें। 

अक्सर लोग पार्टी के प्रति निष्ठा रखते हुए वोट डालते हैं। कुछ लोग उम्मीदवार देख कर वोट डालते हैं। तो, किसी को विचारधारा प्रभावित करती है। कुछ लोग जाति और धर्म के आधार पर अपना पसंदीदा उम्मीदवार चुनते है। और ऐसे लोग भी होते हैं, जो नीतियों के हिसाब से प्रत्याशी चुनते हैं। देखा गया है कि अक्सर हम जो चुनाव करते हैं, वो तर्कों से परे होते हैं। हम जज़्बाती होकर फैसला करते हैं। आप को बिना जज़्बाती हुए, सही उम्मीदवार का चुनाव करना चाहिए। 

सही उम्मीदवार का चुनाव स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ज़रूरी है लेकिन सही उम्मीदवार का फ़ैसला करना बड़ा मुश्किल होता है। आपके मत के आकांक्षी उम्मीदवारों की भीड़ में सही उम्मीदवार का चयन करना हो तो हर पार्टी, हर प्रत्याशी के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। फिर उनकी ख़ूबियां और ख़ामियां भी पता होनी चाहिए। लेकिन ज़्यादातर मतदाताओं के पास इतना समय नहीं होता कि वो सभी उम्मीदवारों के बयानों और सभी दलों के घोषणापत्रों को भलीभाँति समझ कर निर्णय ले सके। जब उम्मीदवारों द्वारा और राजनीतिक पार्टियों द्वारा आपको तरह तरह के प्रलोभन दिये जा रहे हो तब सही चुनाव करना और भी ज़रूरी हो जाता है। हालांकि, ये काम आसान नहीं है लेकिन लोकतन्त्र के नायक होने के नाते आख़िरी फ़ैसला आप का ही होता है। 

देश हित में, लोकतन्त्र के हित में, समाज के हित में, अपने परिवार और स्वयं के हित में मतदान एक अति महत्वपूर्ण और आवश्यक ज़िम्मेदारी है और चुनाव वाले दिन मतदान केंद्र तक जाकर अपना मत डालने की इस महती ज़िम्मेदारी का निर्वहन आप सभी को करना ही को चाहिए।
राजकुमार जैन, लेखक (स्वतंत्र विचारक)

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