राजस्थान की विद्याधरनगर सीट से बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने चुनाव लड़ा है। इस सीट पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी नरपत सिंह राजवी का टिकट काटा गया था। राजघरान से संबंध रखने वालीं दीया कुमारी को वसुंधरा राजे का विकल्प माना जा रहा है। हालांकि चुनाव से पहले हुए सर्वे में दीया कुमारी को सीएम पद के तौर पर सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया था।
मूल रूप से जैसलमेर के रहने वाले गजेन्द्र सिंह शेखावत केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं। जोधपुर लोकसभा से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत की राजस्थान में अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसी के चलते चुनाव में टिकट बंटवारे में शेखावत की खूब चली। शेखावत ने खुद चुनाव नहीं लड़ा है। लेकिन माना जा रहा है कि अगर बीजेपी को बहुमत मिलता है तो पार्टी केंद्र से इन्हें राजस्थान भेज सकती है। चुनाव से पहले एनडीटीवी के सर्वे में 6 फीसदी लोगों की सीएम के लिए इस बार पहली पसंद गजेंद्र सिंह शेखावत थे।
राजस्थान में बीजेपी की ओर से सीएम फेस के लिए सतीश पूनिया का भी नाम चल रहा है। दरअसल सतीश पूनिया ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को राज्य में मजबूत किया। मूल रूप से चुरू जिले के राजगढ़ के रहने वाले सतीश पूनिया राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से भी जुड़े रहे हैं। साथ ही पार्टी की टॉप लीडरशिप से भी उनकी अच्छी बनती है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ का नाम भी सीएम रेस में चल रहा है। ओबीसी वर्ग से आने वाले महंत बालकनाथ मस्तनाथ मठ के आठवें महंत हैं। बालकनाथ तिजारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा है। माना जा रहा है कि अगर बीजेपी यूपी की तरह यहां भी संत को सीएम बना दे कोई हैरान नहीं होना चाहिए। बता दें, चुनाव से पहले एबीपी के सर्वे में राज्य के 13 फीसदी लोगों ने सीएम के लिए अपनी पहली पसंद महंत बालकनाथ को बताया था।
राजस्थान बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के दावेदार कई नेता हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम सबसे मजबूत माना जा रहा है। वसुंधरा राजे पार्टी की राज्य में सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। चुनाव से पहले हुए कई सर्वे में प्रदेश की 27 फीसदी जनता ने माना कि इस बार अगर बीजेपी जीतती है तो सीएम वसुंधरा राजे को ही होना चाहिए।