कौन हैं राजस्थान के यह गहलोत, घर का नाम रखा 'संविधान', इनकी दीवानगी देख हर कोई हैरान
Updated on
27-11-2023 01:43 PM
जोधपुर/जयपुर: राजस्थान में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया गया। इसको लेकर एक अनूठा मामला सामने आया है। जिसमें जोधपुर के डॉ. दिनेश गहलोत की संविधान को लेकर जबरदस्त दीवानगी देखने को मिली। उनकी दीवानगी देख हर कोई हैरान है। भारतीय संविधान के प्रति गहलोत की निष्ठा ऐसी है कि उन्होंने अपने घर का नाम भी 'संविधान' ही रख दिया है। संविधान के लिए इतनी दीवानगी रखने वाले आखिर डॉ दिनेश गहलोत कौन है? जानते हैं इस रिपोर्ट में...
कौन हैं जोधपुर के डॉ दिनेश गहलोत
अपने घर का नाम 'संविधान' रखने के बाद डॉ. दिनेश गहलोत काफी सुर्खियों में है। दिनेश गहलोत जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। गहलोत की अपने संविधान के प्रति गहरी निष्ठा है। उन्होंने संविधान दिवस पर अनूठी मिसाल पेश करते हुए अपने घर का नाम भी संविधान रख दिया। गहलोत विश्वविद्यालय में संविधान विषय को पढ़ाते हैं। पढ़ाते-पढ़ाते उन्होंने संविधान को अपने दिल में आत्मसात कर लिया, जो उनकी दीवानीगी के रूप में देखने को मिल रही है।
मेहमानों को संविधान की प्रस्तावना भेंट करते हैं
डॉ दिनेश गहलोत की संविधान के प्रति गहरी निष्ठा है। उनकी दीवानगी को देखकर हर कोई हैरान है। घर का नाम संविधान रखने के बाद उनका एक किस्सा और भी रोचक है। गहलोत अपने घर आने वाले हर मेहमान को भारतीय संविधान की प्रस्तावना की प्रति भेंट करते हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने घर में एक लाइब्रेरी भी बना रखी है। जहां संविधान से जुड़ी हुई प्रतियां और संविधान से जुड़े रोचक तथ्य हैं।
गहलोत ने अपनी बेटियों का नाम 'समीक्षा और लिपिका' रखा
गहलोत ने भारतीय संविधान को अपने दिल के हर कोने में बसा लिया है। उन्होंने अपने घर का नाम संविधान रखने के साथ घर को भी लाइब्रेरी के रूप में बना दिया है। यही नहीं गहलोत ने अपनी दो बेटियों का नाम भी 'समीक्षा और लिपिका' रखा है। बड़ी बेटी का नाम लिपिका है। जो एक सॉफ्टवेयर का नाम है। इससे इंग्लिश से हिंदी में अनुवाद किया जाता है। वहीं उनकी छोटी बेटी समीक्षा है। यह शब्द संविधान की व्याख्या के संदर्भ में प्रयोग की जाती है।
गहलोत चाहते हैं कि लोग संविधान से परिचित हो
गहलोत ने बताया कि उन्हें विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान में पढ़ने के लिए मौका मिला। उन्होंने भारतीय संविधान को लोगों तक पहुंचाने का निश्चय किया है। उन्होंने बताया कि वह चाहते हैं कि लोग भारतीय संविधान की प्रस्तावना से परिचित हो सके। इसलिए वह उनके घर आने वाले हर मेहमान को भारतीय संविधान की प्रस्तावना की प्रति भेंट करते हैं। उनका कहना है कि यदि लोग संविधान की प्रस्तावना की कुछ लाइनों को भी ध्यान से पढ़े तो, उन्हें भारतीय संविधान के उद्देश्य स्पष्ट हो जाएंगे।
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