शिक्षा क्या होती है। डिग्री प्राप्त करने से शिक्षित कहलायेंगे या डिग्री प्राप्त नहीं होने पर और अशिक्षित रहेंगे। शिक्षा को ग्रहण करने के कई तरीके होते हैं एक तरीका होता है बात सुन ली समझ ली और अपने मन से उसकी परिभाषा बना ली। दूसरा तरीका यह होता है कि जो लिखा है हम उसी को पढ़े और उसी को समझें और सबसे बेहतरीन तरीका यह होता है कि हम सिर्फ पढे और समझे और सभी लोगों के तजुर्बे का सार समझे। वही से सीख ले क्या गलत है क्या सही है और एक शुद्ध सुरुचिपूर्ण मान्यता बना ले। असली शिक्षा यह है आपको क्या करना है उसके बारे में आप चिंतन पहले से कर ले और उसके क्रियान्वयन कैसे करें इसका भी चिंतन कर ले। कुछ पढ़े लिखे डिग्रीधारी दूसरो से पूछते है मुझे कुछ काम बता दो, और कुछ बिना डिग्री वाले दूसरो को बताते है मैं यह काम कर रहा हूं, शिक्षा का अंतर यही है। आप से बात करने वालों की बात की गहराई समझे वह आपसे क्या कह रहा है, किस लहजे में कह रहा है उसका क्या अर्थ हो सकता है यदि यह ज्ञान आ गया तो आपको किसी डिग्री की जरूरत नहीं है आपके जीवन में सफलता हमेशा बनी रहेगी। शिक्षा का अर्थ जागरूकता है, अंधविश्वास नहीं, वैज्ञानिक तौर पर समझे। गांव में किसान आसमान देखकर बता देता है कि पानी गिरेगा या नहीं। जब आप बीमार होते हैं तो बड़े बुजुर्ग इलाज बताते हैं। छोटे बच्चों को पालने करने का हुनर बुजुर्ग बताते हैं कि इसको चूल्हे के पास मत जाने दो, गैलरी से दूर रखो यह सब शिक्षा है। आप कदम कदम पर किसी से भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं उसके लिए कोई ज्ञानी या पैसे वाला या कोई अन्य ब्रांडिंग की जरूरत नहीं है। सामान्य से सामान्य आदमी के कर्म से भी आप शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। शिक्षा अच्छी या बुरी कोईसी भी ग्रहण कर सकते हैं। हमारा ध्यान अच्छी शिक्षा को ग्रहण करने पर रखें। शिक्षा प्राप्त करना आपका जन्म सिद्ध अधिकार है भगवान ने आपको ब्रेन दे रखी है।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) ये लेखक के अपने विचार है I
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