नई दिल्ली। दिल्ली
हाई कोर्ट ने कहा कि अनलॉक-3 में छूट मिलने
के बाद निर्माण और औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो गई है और धीरे-धीरे प्रवासी मजदूर दोबारा
से दिल्ली लौटने लगे हैं। न्यायालय ने कहा है कि ऐसे में राजधानी के औद्योगिक क्षेत्र
और बड़े निर्माण स्थलों पर कोरोना संक्रमण की जांच बड़े पैमाने पर होने चाहिए। हाई
कोर्ट दिल्ली सरकार को यह बताने के लिए कहा है कि ‘क्या उसने औद्योगिक इलाके और बड़े
निर्माण स्थलों के आसपास बड़े पैमाने पर कोरोना की जांच के लिए कोई कदम उठाया है। जस्टिस
हीमा कोहली और एस. प्रसाद की पीठ ने सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता सत्यकाम से अगली सुनवाई
पर इस बारे में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। पीठ ने कहा है कि बाहर
से आने वाले मजदूरों का कोरोना की जांच जरूरी है ताकि राजधानी में दोबारा से मरीजों
की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो। हाई कोर्ट ने कहा कि अगस्त माह में कोरोना संक्रमितों
की संख्या में काफी गिरावट आई और उम्मीद थी कि यह एक हजार से नीचे या इतने पर बना रहेगा।
लेकिन अचानक से मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी चिंचा का विषय है। पीठ ने कहा है कि
10 अगस्त को 707, 16 अगस्त को 652, 17 अगस्त को 787 मरीजों के बाद 18 अगस्त को अचानक
1374 संक्रमित मरीज का होना गंभीर है। न्यायालय ने कहा है कि इसे देखते हुए यह नहीं
कहा जा सकता है कि राजधानी में कोरोना महामारी धीरे-धीरे कम हो रहा है या स्थिर है।
पीठ ने कहा है कि अब रोजाना 1300 के आसपास मरीज आ रहे हैं, ऐसे में अधिक से अधिक कोरोना
के लैब में जांच करने की जरूरत है। इस पर दिल्ली सरकार ने पीठ को भरोसा दिया कि कोरोना
महामारी को नियंत्रित करने के लिए अधिक से अधिक जांच करने और अन्य जरूरी कदम उठाने
का भरोसा दिया। दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि दूसरे दौर के सिरो सर्विलांस
की रिपोर्ट इस सप्ताह के अंत तक आ जाएगा। इस बार मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर
दिल्ली सरकार ने सिरो-सर्विलांस की जांच की है। सरकार ने पीठ को बताया कि अगली सुनवाई
से पहले, दूसरे सिरो-सर्विलांस की रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। इस पर हाई कोर्ट ने सरकार
को दूसरे सिरो-सर्विलांस के रिपोर्ट का पहले सिरोसर्विलांस की रिपोर्ट के साथ तुलनात्मकक
विश्लेषण करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 31 अगसत को तय की है।