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एकता किसे कहते हैं, हमको बहुत कुछ सीखना है

Updated on 05-06-2021 03:13 PM
ऑस्ट्रेलिया देश को 
 कर रहे परेशान 
 यह नन्हे शैतान 
 गेहूं,चावल,रोटी,कागज़ 
 कुछ भी तो ना छोड़े चूहे 
 खींच कर खाना बिल में लाते 
 बड़े नटखट यह चूहे
एकता किसे कहते हैं, हमको बहुत कुछ सीखना है,इन नन्हे नन्हे नटखट चूहो से,नन्ही सी जान पर एक साथ बहुत सारे चूहे इकट्ठा होकर बने ऐसी ताकत ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देश को हिला दिया ।
 चतुर चूहा,सियानी चूहिया, मिलजुल कर नुकसान पहुंचाते यह चूहे। 
 एक चूहा,साथ में अनेक चूहे हो गए एक बन गई ताकत, बन गई हिम्मत‌ । हम इंसानों को इन जीव जंतुओं से बहुत कुछ सीखना है,एकता किसे कहते हैं, चूहों से,मधुमक्खियों से काली और लाल चीटियों से सीखो,जब यह चीटियां जंगल में एक साथ निकलती है,तो हाथी भी अपना रास्ता बदल लेता है । 
जब मधुमक्खियां एक साथ इंसानों पर हमला करती है,तो इंसान भी अपनी जान बचाने के लिए के इधर-उधर भागता है,  मधुमक्खियां ना गोली से डरे ना बंदूक से इनका झुंड ही इनकी ताकत है, एक चींटी, एक मधुमक्खी, एक मच्छर और एक चूहा अकेला ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकता, इंसानों को भी नहीं डरा सकता, तो यह बात साफ हो गई, एक अकेला होता है, एक के साथ एक मिल जाए तो ग्यारह हो जाते है, कोई लड़ाई अकेले लड़ोगे तो हारने की संभावना अधिक रहेगी और अगर यह लड़ाई समूह बनकर लड़ी जाए तो जीत की संभावना बढ़ जाती है । 
आजकल ऑस्ट्रेलिया की जनता चूहों के आतंक कि दहशत से त्रस्त है, इन नन्हे चूहों ने ऑस्ट्रेलिया को आर्थिक संकट में डाल दिया है,रोज़ लाखों डॉलरो का नुकसान पहुंचा रहे हैं यह नन्हे आतंकी। ऑस्ट्रेलिया में इन दिनों चूहों का आतंक मचा हुआ है, ऑस्ट्रेलिया मे सोशल मीडिया से लेकर मुख्यधारा मीडिया से ऐसे वीडियो आ रहे हैं, जहां घर के फर्श से लेकर अनाज के गोदामों में चूहे ही चूहे दिख रहे हैं । अस्पतालों में ऐसे लोग आ रहे हैं, जिन्हें चूहों ने काटा हैं,चूहों की संख्या में एकाएक हुई वृद्धि से सरकार भी परेशान है।
चीन की देन माने जाते हैं चूहे
दिलचस्प बात है कि दुनिया के लगभग सभी देशों में चूहे चीन से फैले हैं,खासकर यूरोपियन देशों में चूहे चीन की ही देन हैं ।
ऑस्ट्रेलिया देश में अब प्लेग का डर सताने लगा है,प्लेग की बीमारी चूहों से फैलती है,इस बीमारी ने भारत को भी चपेट में ले चुकी है,सन् 1896 में भारत में प्लेग ने महामारी का रूप ले लिया था,इसमें लाखों लोगों की मौत हुई थी,ऑस्ट्रेलिया देश भी कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है,अब उसके सामने चूहों की वजह से नई समस्या आकर खड़ी हो गई है,कहीं  चूहे प्लेग जैसी बीमारी को देश में ना फैला दें, कहीं यह बीमारी महामारी में तब्दील ना हो जाए। 
न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड जैसे शहरों में एकाएक लाखों की संख्या में हर तरफ चूहे दिख रहे हैं वे खेतों,खाली जगहों और कबाड़ तक ही सीमित नहीं, बल्कि घरों,खाने के सामान,अस्पतालों और यहां तक कि निजी और सार्वजनिक वाहनों तक में हड़कंप मचा रहे हैं । चूहों ने भयानक आतंक मचा रखा है और चूहों के आतंक की वजह से फैक्ट्री मालिक और किसान दहशत में है। लाखों की तादाद में चूहों ने किसानों और फैक्ट्री मालिकों को परेशान कर रखा है। लाखों चूहें ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग फैक्ट्री और खेतों से निकल रहे हैं ।  इन चूहों ने ऑस्ट्रेलिया में सैकड़ों लोगों को काट लिया है, जिसकी वजह से कई लोगों में चूहों से जुड़ी बीमारी पाई गई है।
 गोदाम को साफ किया जा रहा है, ताकि उसमें किसान अपनी पैदावार रख सकें। गोदाम की सफाई में लाखों मरे हुए चूहे गोदाम से निकले रहे हैं ।
महामारी फैलने की आशंका
लोगों को केवल अनाज और दूसरे सामानों के नुकसान का ही डर नहीं,बल्कि चूहों के कारण महामारी का डर भी सता रहा है, जबकि दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, ऐसे में चूहों का बढ़ना प्लेग ला सकता है । ऑस्ट्रेलिया के कई प्रांतों में पानी की टंकियों में से मरे हुए चूहे  मिले, इसके बाद से ये आशंका और बढ़ गई है,चूहों को खत्म करने की सारी कोशिशें फेल होती दिख रही हैं, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया भारत से मदद ले रहा है।ऑस्ट्रेलियाई राज्य कृषि मंत्री के हवाले से न्यू साउथ वेल्स की सरकार ने भारत से लगभग पांच हज़ार लीटर चूहामार दवा का ऑर्डर दिया ।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में चूहे  हर वर्ष तकरीबन 40 करोड़ लोगों की भूख मिटाने लायक अनाज को खा जाते है, इसके अलावा 25 लाख टन से अधिक अनाज को खराब कर देते हैं। अनाजों के अलावा ये अन्य चीजों का भी नुकसान पहुंचाते हैं।
अकेले में अक्सर हम 
 अपनी परछाइयों से 
  डर जाते हैं । 
 अगर मिले साथ लोगों का 
 तो हम दुनिया 
 जीत जाते हैं ।।
 मोहम्मद जावेद खान,लेखक                                                ये लेखक के अपने विचार है I 

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