यह बात भी सही है कि हम बार-बार यह कहते हैं कि यह गलत है, वह गलत है, ये गलत है परंतु जो अच्छे हैं उन पर हमने ध्यान कम दिया अब आवश्यकता यह है कि हम पॉजिटिव दिमाग रखते हुए जो अच्छे काम करने वाले है ईमानदार है मेहनती हैं उन लोगों को आगे लाएं उनका स्वागत करें सम्मान करें। जब यह प्रथा चालू हो जाएगी तब उनको देखकर लोगों में अच्छाई के प्रति सम्मान जागेगा और हो सकता है धीरे-धीरे आम जनता के दिलों में भी सिर्फ अछ्छे लोगों के प्रति सम्मान रहेगा। इससे गलत आदमी को नसीहत भी मिलेगी और हो सकता है कि वह भी अपने आप को बदलने की कोशिश करेंगा। क्योंकि समाज में तब सम्मान सिर्फ अछ्छो को ही मिलेगा हम चर्चा भी उन लोगों की ज्यादा करें कि जो अपने कर्तव्य का पूरी ईमानदारी से पालन कर रहे हो। धीरे-धीरे समाज में प्रमुखता भी उन्हीं लोगों की हो जाएगी बस अब आवश्यकता है अच्छाई के गुणगान चारों और फैले ऐसा माहौल बनाने की तब जनता भी चुनाव के वक्त इस बात का ध्यान रखेंगी की किसमें ज्यादा अच्छाई है। और जितनी सामाजिक, राजनीतिक और अन्य कोई संस्था है उन लोगों ने भी आए दिन अच्छे लोगों का सम्मान करते रहना चाहिए आम जनता ने भी अधिक से अधिक अपने संबंध सिर्फ अच्छाई अपनाने वाले लोगों के साथ रखना चाहिए फिर देखिए सामाजिक पर्यावरण किस तरह साफ सुथरा शुद्ध हो जाएगा, सुधर जाएगा।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) ये लेखक के अपने विचार है I
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