हमारी जीवन शैली को मौसम, वार त्यौहार और महोत्सव ने हमेशा नया रूप, उत्साह और उमंग से भर दिया हैं। जब भी मौसम ठंड गर्मी बरसात बसंत बदलते हैं उसी अनुसार हमारा खाना पीना, घूमना फिरना, पहनना सब बदलते रहते हैं। जब भी वार त्यौहार मनाते हैं तो घर में खुशियां, रंग रोगन, साफ सफाई, नए नए पकवान खानपान,नए कपड़े नई उमंग यह सब बड़े जोर शोर से होता रहता है। और महोत्सव एक ऐसी मिष्ठान है जिसे हर समय खाया जा सकता है और स्वाद हमेशा एक ही मिलेगा, जब भी महोत्सव होते हैं तो उसे हम पूरे समूह के साथ मनाते हैं चाहे जातिगत हो या राष्ट्रीय पर्व पूरा का पूरा समूह उसे बड़े मजे से बड़े उल्लास से मनाते हैं।
कहने का मतलब यह है जिंदगी में आपके कई तकलीफ और कई अभाव हो सकते हैं लेकिन जीवन शैली की यह व्यवस्था जो मौसम वार त्यौहार और महोत्सव के साथ जुड़ी है इसे आप कभी न चुके और जितना भी हो सके इस का लुफ्त हर वक्त उठाये। यही आप की सबसे बड़ी जीवन की पूंजी रहेगी और यही यादगार। क्योंकि कहते हैं ना हम क्या लाए थे और क्या ले जाएंगे।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) ये लेखक के अपने विचार है I
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