बड़े बुजुर्ग बीमार कमजोर वृद्ध के लिए वायरस और ठंड यह दो दुश्मन है और इनका मुख्य समय नवंबर, दिसंबर हैं और कई इसमें लिल जाते हैं। अभी जो एक के बाद एक नए वायरस के दोर रहे हैं वह कुछ न कुछ नई परेशानियां खड़ी कर रहे हैं। ये वायरस टेस्ट रिपोर्ट में भी आईडेंटिफाई नहीं हो रहे है इन के असर से व्यक्ति के हाथ और पैर की हड्डियों में दर्द महसूस होता है और वे जाम हो रहे हैं। बमुश्किल हमने कोरोना से मुक्ति पाने की राह पर आए हैं कि यह नया वायरस आ रहे है और ये पृथ्वी पर आते जाते रहेंगे। हमारी सुरक्षा का ध्यान हमे ही रखना है। हमें सजग रहना चाहिये लापरवाह नहीं होना चाहिए, हम यह हमेशा मानकर चले कि नया कोई वायरस आ रहा है अतः हमे हमारे शरीर को मजबूत बनाए रखना है हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए रखना है उसे मेंटेन रखना है। हम आंकड़ों से देखते हैं तो इन दिनों प्राकृतिक मौतें ज्यादा होती है जिसमें खास करके बुजुर्ग बीमार और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले होते हैं। इन दिनो बुजुर्ग का ध्यान रखे उन्हे खाने में क्या क्या होना चाहिए और उन्हे कब उपवास रखना है। वे अधिक से अधिक धूप में बैठे। उनका कमरा गरम रखें, ज्यादा ठंड में बाहर नहीं निकले। इस बात का भी ध्यान रखें कि उन्हे मानसिक तनाव कम हो। उनके बच्चों, उनके पोते पोती, और नाती ने अधिक समय उनके साथ गुजारना चाहिए ताकी वे ज्यादा से ज्यादा खुश रहे।
अशोक मेहता, लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद ये लेखक के अपने विचार है I
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