नकारात्मक विचारों के कारण कुंडली में बनता है पिशाच योग
Updated on
20-08-2020 11:34 AM
कुंडली में कई तरह के योग होते हैं उनमें से एक योग पिशाच योग है जो कि राहु के कारण उत्पन्न होता है। पिशाच योग राहु द्वारा निर्मित योगों में यह नीच योग है।पिशाच योग जिस व्यक्ति की जन्मकुण्डली में होता है वह प्रेत बाधा का शिकार आसानी से हो जाता है।इनमें इच्छा शक्ति की कमी रहती है । इनकी मानसिक स्थिति बहुत कमज़ोर रहती है, ये आसानी से दूसरों की बातों में आ जाते हैं.इनके मन में निराशात्मक विचारों का आगमन होता रहता है।कभी कभी स्वयं ही अपना नुकसान कर बैठते हैं।
पिशाच बाधा योग कैसे बनता है
किसी जातक की जन्म कुंडली में लग्न में राहू ग्रस्त चन्द्रमा होने और पंचम और नवंम में पापग्रस्त शनि और मंगल होने पर पिशाच बाधा का कारण बन सकती है।
लग्न में शनि-राहू युति पिशाच बाधा का कारण बन सकती है। लग्न में केतु किसी भी पापी ग्रह से युत या दृष्ट होने पर पिशाच बाधा दे सकता है। लग्न में शुक्र हो और सप्तम भाव में शनि हो और किसी भी स्थान में पापी ग्रह दृष्ट चंद्र होने से भूत -प्रेत -पिशाच बाधा योग बनता है। किसी जातक की कुंडली में शनि-राहू द्वितीय भाव में हो तो पिशाच बाधा दे सकते है। छठे भाव के पाप दृष्ट राहू या केतु पिशाच बाधा दे सकते है। लग्न में बुध -केतु पापी ग्रह से दृष्ट हो तो पिशाच बाधा दे सकते है।
विशेष.. जब पिशाच बाधा योग या जन्म कुंडली में अन्य योग निर्मित होते हैं। तो उनका पूर्ण फल जब जो ग्रह योग बना रहे होते हैं उनका पूर्ण फल दशा अन्तर दशा प्रत्यन्तर दशा आने पर प्राप्त होता है।