नई दिल्ली। विधानमंडल
का शुरू होने वाला सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष ने प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था
के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। इसके साथ ही कानपुर का बिकरू कांड
और विकास दुबे एनकाउंटर का मामला भी उठने की संभावना जताई जा रही है। सपा, बसपा और
कांग्रेस सदन के बाहर प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरते रहे हैं। कोविड-19
को देखते हुए सदन शुरू करने के लिए पूरे ऐहतिहात बरते जा रहे हैं। 65 साल के ऊपर वाले
सदस्यों की सदन में वर्चुअल भागीदारी की व्यवस्था की गई है। सदन से पहले दिन शोक प्रस्ताव रखा जाएगा। इसमें कैबिनेट मंत्री कमल
रानी वरुण और चेतन चौहान के निधन पर शोक प्रस्ताव रखा जाएगा। इसमें दिवंगत आत्माओं
को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। विपक्ष ने सरकार को खराब कानून-व्यवस्था पर घेरने
की पूरी तैयारी की है। प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में हुई घटनाओं का उठना तय माना
जा रहा है। सपा ने सदन में सरकार को घेरने को लेकर रणनीति तैयार करेगी। सपा सदस्यों की बैठक 9 बजे
विधानसभा स्थित पार्टी विधानमंडल दल कार्यालय में बैठक होगी। इसी तरह बसपा ने अपने
सदस्यों को सदन की रणनीति के बारे में जानकारी दे दी है। बसपा प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था
का मामले के साथ ब्राह्मण उत्पीड़न का मामला उठाएगी। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण
दीक्षित ने सर्वदलीय बैठक की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश
खन्ना, समाजवादी पार्टी नेता के सहयोगी नरेंद्र सिंह वर्मा, बसपा के लालजी वर्मा, कांग्रेस
की आराधना मिश्रा मोना, अपना दल एस नीलरतन पटेल नीलू और सुहेलदेव समाज पार्टी से ओमप्रकाश
राजभर सर्वदलिया बैठक में शामिल हुए। बैठक में शुरू होने वाले विधानसभा सत्र पर चर्चाएं
की गई।