अनफिट कर्मचारी के बेटे को मिलेगी नौकरी, एमपी हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, सुर्खियों में आदेश, जानें
Updated on
01-11-2024 11:58 AM
जबलपुर: एमपी हाईकोर्ट ने एक बैंक कर्मचारी के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया है। कर्मचारी को मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित कर दिया गया था। बेटे ने नौकरी के लिए अपील की थी, जिसे बैंक ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मामला सागर के रहने वाले मोहम्मद इकबाल का है। वे सेंट्रल बैंक में स्पेशल असिस्टेंट थे। 55 साल की उम्र में उन्हें मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होने लगीं। बैंक के मेडिकल बोर्ड ने उन्हें काम करने के लिए मानसिक रूप से अयोग्य घोषित कर दिया। इसके बाद इकबाल ने वीआरएस ले लिया।
बैंक ने नहीं की कोई कार्रवाई
इकबाल के बेटे बिलाल अख्तर ने बताया कि उनके पिता ने वीआरएस लेते समय बैंक में उनके लिए अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन दिया था। बैंक ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा।
जबलपुर हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मोहम्मद इकबाल के स्थान पर उनके बेटे बिलाल अख्तर को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए। कोर्ट ने बैंक को दो महीने के अंदर इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है।
बैंक के एक्शन के बाद अनुकंपा नियुक्ति की मांग
हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारी को न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। इसलिए बैंक बोर्ड ने इकबाल को काम न करने की सलाह दी।इस पर जबलपुर हाईकोर्ट ने बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया है। पहले बैंक ने इसे नजरअंदाज कर दिया। अब हाईकोर्ट ने बैंक को कड़क शब्दों में आदेश सुनाया है। जिस पर उन्हे दो महीने में कार्रवाई करना है।
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