मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो इन दिनों विभिन्न माफियाओं पर कहर बनकर टूट रहे हैं ने जबलपुर में कहा है कि इस समय अपन कुछ अलग मूड में हैं। जितने भी माफिया गुंडे बदमाश हैं उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। शिवराज ने अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दे दिया है कि इन्हें तबाह कर दो। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने आपको मोगली बताते हुए कहा कि वह भी धुन की पक्की है और जो ठान लेती है वह होकर रहता है।
उमा भारती लंबे समय के बाद प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाने जा रही है तथा वह शराब पीने की आदत छुड़ाने के लिए जन- जागृति के माध्यम से समाज के सहयोग से शीघ्र ही मैदान में नजर आएंगी। वे अपने गृह जिले टीकमगढ़ से इसकी शुरुआत करने वाली हैं। वे सबसे पहले अपने गृह ग्राम डूंडा की एकमात्र शराब की दुकान बंद कर आएंगी इसके बाद वह एक के बाद एक बुंदेलखंड अंचल में शराब की दुकानों को बंद कराने का अभियान छेड़ने वाली है। इस प्रकार प्रदेश के सियासी शिखर पर उमा भारती और शिवराज का राग सुनने को मिलता रहेगा।
वैसे तो शिवराज ने सभी माफियाओं के खिलाफ अपनी वक्र दृष्टि दिखा दी है। वह इसमें कतई ढील देने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन सर्वाधिक जोर जहरीली अवैध शराब का कारोबार करने वाले लोगों पर है। इसका तात्कालिक कारण मुरैना जिले मे जहरीली शराब पीने से दो दर्जन से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाना है। इसके बाद से पूरे प्रदेश में अवैध शराब का कारोबार करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही प्रारंभ हो गई है। वैसे सरकार का समूचा ध्यान इस समय अवैध शराब माफिया को तहस-नहस करने का है और इसके लिए जरूरी है कि यह कार्रवाई लगातार चलती रहे। अवैध शराब के अलावा और भी कई तरह के नशीले पदार्थों का कारोबार भी चल रहा है और उस पर भी कड़ाई से नियंत्रण की जरूरत है। महानगरों की शक्ल लेते बड़े शहरों में हुक्का बार का प्रचलन भी बढ़ा है। सरकार का ध्यान इस और भी जाना जरूरी है। कुछ माह पूर्व मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस दिशा में कदम उठाए गए थे और उनमें भी निरंतरता की जरूरत है ताकि इस अवैध कारोबार पर भी रोक लग सके।
उमा तो मोगली जैसा मानती हैं
पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पिछले दिनों भाजपा शासित राज्यों में सोशल मीडिया के माध्यम से शराबबंदी की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए मध्यप्रदेश में पूर्ण नशाबंदी चरणबद्ध ढंग से लागू करने की मांग की थी। इसके दूसरे दिन ही उन्होंने इसे सामाजिक समस्या मानते हुए शराब की दुकानें बंद कराने का अभियान छेड़ने की बात कही। एक निजी बुंदेली भाषा के चैनल से उसी भाषा में चर्चा करते हुए उमा भारती ने अपनी तुलना टीवी सीरियल के पात्र मोगली से कर डाली।मोगली नामक बालक एक प्रसिद्ध टीवी सीरियल का पात्र था जिसे जंगली जानवरों ने पाला था और वह उनकी भाषा बोलता। उमा भारती ने कहा कि मैं भी अपनी धुन की पक्की हूं और जो ठान लेती हूं वह करती हूं। तिरंगा यात्रा होकर रही थी, अयोध्या में भी आखिर राम मंदिर बन ही रहा है। मेरा भी वैसा ही है मुझे जो कहा जाता है या जो करने की ठान लेती हूं, वह मैं करके दिखाती हूं। जब मुझे प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने का दायित्व सौंपा गया था तब 2003 में कुछ लोग इसे मजाक में लेते थे और कहते थे कि इतना पढ़ा-लिखा इंजीनियर है दिग्विजय सिंह उसकी सरकार को कैसे उखाड़ पाओगी पर मैंने दो तिहाई बहुमत से भाजपा की सरकार बनवाई। परिवार के मुखिया की शराबखोरी की आदत के कारण महिलाएं ज्यादा परेशान रहती है और उन सबका मुझे दुकानें बंद कराने में सहयोग मिलेगा। उनसे पूछा गया कि आप कैसे करेंगी तब उन्होंने सौ डंडी और एक बुंदेलखंडी कहावत का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वह खड़ी होंगी तो देखेंगे सामने कौन आता है। उल्लेखनीय है कि इस कहावत का अर्थ यह है कि 100 डंडाधारी हों तो उन पर एक बुंदेलखंडी भारी पड़ता है। उन्होंने कहा कि मैंने पता लगा लिया है कि 500 की आबादी वाले मेरे गृह ग्राम डूंडा में एक शराब की दुकान है उसे मैं पहले बंद कर आऊंगी।
और अंत में....
विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भोपाल में ईदगाह हिल्स का नाम गुरु नानक टेकरी और होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम रखने की मांग की थी। अब उमा भारती को हलाली डैम के नाम पर एतराज है, उन्होंने बैरसिया के विधायक विष्णु खत्री को पत्र लिखकर हलाली नाम का उल्लेख बंद कराने को कहा है और इसके साथ ही पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर से मिलने की सलाह दी है। पत्र में लिखा है कि जानकारी के अनुसार उसका नाम बदल चुका है। भोपाल के बाहर हलाली नाम का स्थान और नदी विश्वासघात की कहानी की याद दिलाती है। दोस्त मोहम्मद खां ने भोपाल के आसपास के मित्र राजाओं को बुलाकर धोखे से उनका कत्ल कर दिया था और उससे नदी लाल हो गई थी। भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी इस मामले में कहा है कि हलाली डैम हिंदुओं के हलाल होने की याद दिलाता है। उन्होंने इसके साथ ही लालघाटी और इस्लाम नगर आदि के नाम बदलने की मांग की।
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