Select Date:

ट्वीटर राजनीति चमकाने का शार्टकट

Updated on 21-06-2022 04:10 PM
पिछले कुछ सालों से सोशल मीडिया में अपनी राजनीति चमकाने और दूसरों पर धारदार हमला करते हुए उनकी छवि धूमिल करने का कारगर माध्यम सोशल मीडिया बन रहा है। कांग्रेस पार्टी ने भी अपने घटते जनाधार को लेकर यह स्वीकारोक्ति की थी कि पार्टी जनता से कट रही है और यही उसके घटते जनाधार की खास वजह भी है। कांग्रेस ने जनता से सीधे जुड़ने का अभियान भी छेड़ने का मानस बनाया और उसे मौका मिल गया नेशनल हेराल्ड केस में ईडी द्वारा उसके नेता राहुल गांधी से पूछताछ करने का मुद्दा। इसको लेकर ही कांग्रेसी इन दिनों सड़कों पर हैं। उत्तरप्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर देश की आवाज ‘‘राहुल गांधी हेजटेक‘‘ चलाकर लिखा है कि वह हमारी सांस और हमारे जंगलों के लिए लड़ रहा है इसलिए तानाशाह उस पर जंगली जानवरों की तरह जुल्म कर रहा है। राहुल गांधी हसदेव अरण्य को बचाने की कीमत चुका रहे हैं। उत्तरप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट में ब्रोशर बनाकर पोस्ट किया है और इसमें लिखा है कि आप क्रोनोलाजी समझिए। उल्लेखनीय है कि इस शब्द का उपयोग अमित शाह करते रहे हैं। ट्वीट मे लिखा है कि 23 मई को राहुल गांधी ने जंगल संरक्षण का वादा किया, 9 जून को भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अडानी को हसदेव जंगल में खुदाई करने से मना किया और 13 जून को अडानी मित्र मोदी ने राहुल गांधी को परेशान करना आरम्भ किया। ट्वीट में यह भी लिखा गया है कि हसदेव जंगल बचाने की कीमत चुका रहे हैं राहुल गांधी। उत्तरप्रदेश कांग्रेस का यह ट्वीट वायरल होने के साथ ही उस पर कमेन्ट आना भी चालू हो गये। उल्लेखनीय है कि 13 जून को ईडी ने राहुल गांधी से 9 घंटे, 14 जून को 11 घंटे और 15 जून को पांच घंटे पूछताछ की थी। तीन दिनों में लगभग 25 घंटों की पूछताछ की जा चुकी है और आगे भी यह पूछताछ जारी रहेगी। ट्वीट करना और जुमले उछालना आजकल एक राजनीतिक शगल बना हुआ है, हालात तो यहां तक हो गए हैं कि नेताओं को जुमलेबाज की संज्ञा भी दी जाने लगी है। जब ऐसी राजनीति का दौर चल रहा हो तब पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी कहां पीछे रहने वाली। विधानसभा चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने  ' दीदी के बोलो ' जनसंपर्क के जरिये आम जनता तक पहुंचने की कोशिश की थी। अब डायमंड हार्बर के सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का जनता से जुड़ने का जो अभियान है उसका स्लगोन है ‘‘एक डाके अभिषेक‘‘ इसका हिंदी में मतलब है एक फोन पर अभिषेक, इसके साथ ही जनसंपर्क अभियान शुरु हो गया है। एक डाके अभिषेक के होर्डिंग डायमंड हार्बर संसदीय क्षेत्र के विभिन्न इलाको में लगाये गये हैं और जिन पर ममता बनर्जी के साथ-साथ अभिषेक बनर्जी के नम्बर दिये गये हैं। बनर्जी ने इस प्रकार जनता से जुड़े रहने और उनकी समस्याओं के निदान की शुरुआत कर दी है। वैसे जहां तक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रियता का सवाल है, सभी विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी से मीलों पीछे हैं। 
अरुण पटेल,लेखक, प्रधान संपादक (ये लेख़क के अपने विचार है)

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 16 November 2024
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक  जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
 07 November 2024
एक ही साल में यह तीसरी बार है, जब भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान और मतगणना की तारीखें चुनाव कार्यक्रम घोषित हो जाने के बाद बदली हैं। एक बार मतगणना…
 05 November 2024
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
 05 November 2024
चिंताजनक पक्ष यह है कि डिजिटल अरेस्ट का शिकार ज्यादातर वो लोग हो रहे हैं, जो बुजुर्ग हैं और आमतौर पर कानून और व्यवस्था का सम्मान करने वाले हैं। ये…
 04 November 2024
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
 03 November 2024
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
 01 November 2024
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
 01 November 2024
संत कंवर रामजी का जन्म 13 अप्रैल सन् 1885 ईस्वी को बैसाखी के दिन सिंध प्रांत में सक्खर जिले के मीरपुर माथेलो तहसील के जरवार ग्राम में हुआ था। उनके…
 22 October 2024
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…
Advertisement