आरक्षण और संविधान पर अपने पक्ष में नैरेटिव सेट करने की कोशिश, जानिए बीजेपी-कांग्रेस का प्लान क्या है
Updated on
10-11-2024 06:14 PM
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तरह राजनीतिक दल महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में भी आरक्षण और संविधान पर अपने पक्ष में नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन और कांग्रेस और उसकी साथी पार्टियां इस पर लगातार बात कर रही हैं। जहां बीजेपी नेता लगातार कह रहे हैं कि कांग्रेस आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50% की लिमिट खत्म करने का वादा कर रहे हैं।
अमित शाह ने साधा राहुल गांधी पर निशाना
झारखंड की चुनावी रैली में बीजेपी नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संविधान की फर्जी प्रति दिखाकर उसका अपमान किया और मजाक उड़ाया। शाह ने कहा कि बीजेपी कभी भी कांग्रेस को अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण लागू नहीं करने देगी। बीजेपी नेता कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने के खिलाफ है।
शाह ने दावा कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में उलेमाओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान अल्पसंख्यकों को 10% आरक्षण देने का वादा किया है। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी कभी धर्म के आधार पर आरक्षण देने नहीं देगी। दूसरी तरफ कांग्रेस अपने लोकसभा चुनाव वाले नैरेटिव को ही आगे बढ़ा रही है।
राहुल गांधी बोले- I.N.D.I.A. गठबंधन के लोग कर रहे संविधान की रक्षा
झारखंड में चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन के लोग संविधान की रक्षा कर रहे हैं जबकि बीजेपी और संघ के लोग संविधान को खत्म करना चाहते हैं। झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा लगातार ये अभियान चला रहे हैं कि बीजेपी संविधान बदलकर आदिवासियों के अधिकारी को खत्म कर देगी।
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान ही आदिवासियों और पिछड़ों को उनके अधिकारी की गारंटी देता है। जहां कांग्रेस जाति जनगणना को मुद्दा बना रही है और इसका वादा कर रही है, वहीं बीजेपी ने इसकी काट के तौर पर 'बंटेंगे तो कटेंगे' या 'एक हैं तो सेफ हैं' का नारा चलाया है। बीजेपी नेता सभी चुनावी रैलियों में इस नैरेटिव पर बात कर रहे हैं।
BJP ने लोकसभा चुनाव से लिया सबक?
लोकसभा चुनाव के वक्त भी कांग्रेस ने यह नैरेटिव बनाया था कि बीजेपी अगर सत्ता में आई तो वह संविधान को बदल देगी और दलितों, पिछड़ों का आरक्षण खत्म कर देगी। यह नैरेटिव चल भी पड़ा और बीजेपी नेताओं को चुनाव के कुछ चरण गुजर जाने के बाद इसका अहसास हुआ तो उसने इस नैरेटिव को काउंटर करना शुरू किया था। बीजेपी नेता अनौपचारिक बातचीत में मानते हैं कि संविधान बदलने का जो नैरेटिव कांग्रेस ने बनाया था, उसका नुकसान हुआ है। साथ ही वे कह रहे हैं कि अब स्थिति वैसी नहीं है। अब हम कांग्रेस के हर नैरेटिव को काउंटर कर रहे हैं।
भाजपा की सहयोगी पार्टी तेलगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अडाणी रिश्वत मामले पर प्रतिक्रिया दी है। नायडू ने विधानसभा में कहा कि…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 7 बजे दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय पहुंचेंगे। यहां वे कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव के नतीजों पर चर्चा करेंगे।महाराष्ट्र की 288…
शराब नीति केस में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर गुरुवार दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने ED को नोटिस जारी किया। इसमें जांच एजेंसी से…
भाजपा ने गुरुवार को कहा अडाणी ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी केस में नामित चारों राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं थी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और तमिलनाडु में उसकी सहयोगी पार्टी…