हम जब बीमार होते हैं या हम पर कोई बीमारी अटैक करती है तब हमारे लिए
बहुत सारे इलाज है और उसके जरिए हम ठीक होते हैं और जब तक हम इलाज की परिधि
में रहते हैं हम स्वस्थ रहते हैं हमारे इलाज के कई तरीके हैं दवाई गोली
कैप्सूल इंजेक्शन ऑपरेशन और रेगुलर तौर पर क्या खाना क्या पीना क्या
एक्सरसाइज करना यानी एक नियमित जीवन शैली अपनाना कब खाना कब नहीं खाना
कितने दिन आराम करना वैसे तो मेहनत से शरीर मजबूत होता है पर जब कुछ
बीमारियों में ऐसा भी समय आता है कि हमें मेहनत करने से रोक दिया जाता है
और सीधा यह कहा जाता है कि आप आराम करें और यह सब इसलिए कि हम उस बीमारी से
मुक्त हो।
मेरे देश रुपी शरीर को अब जरूरत है इसी तरह के इलाज
की आवश्यकता है जो हमारे समाज से भ्रष्टाचार, अनाचार, गुंडागर्दी, लूटपाट,
बलात्कार, अपहरण, दूसरों को दबाकर राज करना ऐसी सब मानसिकता का भी चाहे
सर्जिकल इलाज करना पड़े पर जरूरी हो। अभी हमारे यहां ऐसे लोगों को इलाज के
छोटे-मोटे डोज देते हैं ट्रांसफर कर देंगे सस्पेंड कर देंगे उस पर केस चला
देते हैं और कोई ठोस इलाज ऐसा हो जाए जैसे नौकरी से ही निकाल कर उसकी सारी
संपत्ति जप्त हो और उसे जेल हो। क्योंकि यहा मरीज बहुत सारे हैं और इनके
लिए बहुत सारे इलाज के तरीके ढुढने होगे। इन भष्ट रोगीगों को जेल रूपी
हॉस्पिटल में रखकर उनका कड़ा इलाज करना होगा।
अशोक मेहता, लेखक, पत्रकार पर्यावरणविद ये लेखक के अपने विचार है I
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