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तबादलों की दलाली : अब कांग्रेस चढ़ा रही सियासी बाहें

Updated on 22-01-2021 01:58 PM
जब से दलबदल के द्वारा कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का पतन हुआ और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी उसके साथ ही कमलनाथ सरकार पर तबादला उद्योग चलाने और  मंत्रालय को दलालों का अड्डा बनाने के आरोप जोरशोर से भाजपा नेताओं ने लगाए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दलबदल करने वाले कांग्रेस विधायकों ने भी मंत्रालय को  दलालों का अड्डा बनाने और तबादला  उद्योग के फलने फूलने के आरोप लगाए थे। चाहे उप चुनावों में प्रचार का मामला हो या   कोई अन्य अवसर हो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा भाजपा नेता और दलबदल कर भाजपा सरकार में मंत्री बने और शामिल हुए नेता अक्सर ऐसे ही आरोप लगाते रहे है। मंत्रालय को दलालों का अड्डा बनाने संबंधी आरोप पर कमलनाथ भी प्रतिक्रिया देते हुए दोहराते रहे हैं कि वहां तो क्लोज सर्किट टीवी लगे हुए हैं जांच करा लें पता चल जाएगा कौन-कौन आते थे। तबादला उद्योग को लेकर आज गुरुवार को कांग्रेस ने सियासी बाहें चढ़ाते हुए जमकर पलटवार कर डाला उसके नेताओं ने अपनी  शाब्दिक गोलाबारी करने पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया कि कांग्रेस सरकार पर ट्रांसफर उद्योग का आरोप लगाने वाले शिवराज सिंह चौहान ने तो कोरोना काल में ही तबादलों का विश्‍व कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। उनका आरोप है कि" यह शिवराज  की यह इधर से उधर करो, पैसा अंदर करो योजना है" । वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सवाल का गोला दागा कि आपकी (शिवराज सिंह चौहान) सरकार के थोकबंद तबादलों को आप कौन सा नाम देंगे? पटवारी ने आरोप लगाया कि खरीद- फरोख्त की भाजपाई सरकार में ट्रांसफर उद्योग से उगाही हो रही है। पटवारी का कहना है कि काग्रेस की कमलनाथ सरकार पर ट्रांसफर उद्योग चलाने का आरोप लगाने वाले शिवराज सिंह चौहान की 10 महीने की सरकार में तीन हजार से अधिक तबादले हुए हैं  तो क्या भाजपा सरकार भी ट्रांसफर उद्योग चला रही है। जीतू पटवारी ने कहा कि खरीद- फरोख्त कर अलोकतांत्रिक तरीकों को अपनाकर पीछे के रास्ते से प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई भाजपा की शिवराज सरकार में ट्रांसफर उद्योग के माध्यम से उगाही चल रही है।  पटवारी ने यह भी कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में प्रशासनिक फेरबदल को भाजपा नेता ट्रांसफर उद्योग का नाम देते थे। क्या पिछले 10 महीनों में शिवराज सरकार द्वारा किए गए तबादलों को इसी तबादला उद्योग की श्रेणी में रखा जाए? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश में हुए तीन हजार तबादलों के विषय में बताना चाहिए कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने तीन हजार से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले किस उद्योग के अंतर्गत किए है या फिर इसे भी जुमला बताकर अपने झूठ को छुपाने का प्रयास करेंगे। उनका कहना है कि प्रदेश का किसान, नौजवान और आम इंसान परेशान है लेकिन भाजपा की शिवराज सरकार उनके लिए काम करने के बजाय तबादला उद्योग में व्यस्त है।  
तबादलों की फैक्ट्री किस कुटिया में
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने सवाल किया है कि 300 दिन में 3000 तबादलों की फैक्ट्री आखिर किस कुटिया में चल रही है? तबादला दलालों से दूर रहने की नसीहत देने वाले बतायें कि इन तबादलों के दलाल कौन हैं? गुप्ता ने तबादले के इन चौकाने वाले आंकड़ों को भाजपा सरकार की असली सूरत बताया है। उन्होंने कहा कि अभी 4 दिन पहले ही प्रदेश के मुखिया ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नसीहत दी थी कि भाजपा का कार्यकर्ता तबादले की दलाली और तबादला मंडली से दूर रहे। मुख्यमंत्री की इतनी अच्छी भावना के बावजूद फिर ये तीन हजार तबादले किन दलालों ने करवाये ? यह प्रदेश की जनता जानना चाहती है। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अप्रैल तक तबादलों पर प्रतिबंध लगा हुआ है तब यह तबादले किस तबादला फैक्ट्री का उत्पादन हैं यह सरकार को बताना चाहिए। उन्होंने यही जानना चाहा है कि कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाने वाले नेता बतायें कि दलाली के अड्डे किस कुटिया में कैद हैं। जब कोरोना में लोग जान बचाने घूम रहे थे तब भी इस प्रदेश में हर दिन 10 तबादले कौन कर रहा था? यह खुलासा होना चाहिए।तबादलों पर तंज करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि शिवराज सरकार ने तबादला उद्योग में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और उसके लिए इस सरकार का नाम गिनीज बुक में दर्ज होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आईएएस, आईपीएस अफसरों के केडर में 70% तक अधिकारियो के तबादले, 90% तक एसपी, कलेक्टर बदल दिए गए, इससे समझा जा सकता है कि शिवराज सरकार अधिकारियों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं कर सुबह-शाम तबादले कर रही है।
और अंत में...........
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजधानी भोपाल में शासकीय आवास में अपना आशियाना बनाने का सपना सपना ही रहा लेकिन दलबदल कर भाजपा में जाने के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स पर बी-5  बंगला आवंटित कर उनके सपने को साकार कर दिया। वैसे सिंधिया ने शिवराज से उनके पिछले कार्यकाल में भी भोपाल में बंगले की मांग की थी लेकिन अब जाकर ये मांग पूरी हुई। अब भोपाल में  सियासत का नया केंद्र श्यामला हिल्स के 3 बंगले होंगे। सिंधिया के बगल में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का निवास है तो एक नंबर बंगले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह रहते हैं।  प्रदेश में भाजपा सरकार बनने में अहम भूमिका सिंधिया की थी और दिग्विजय कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। मौजूदा दौर में भाजपा और कांग्रेस की राजनीति इन दोनों नेताओं के ईद-गिर्द ही घूमेगी तो वहीं उमा भारती बीच-बीच में तड़का लगाती रहेंगी।
अरुण पटेल, लेखक                                                                 ये लेखक के अपने विचार है I 
प्रबंध संपादक सुबह सवेर 
कार्यकारी संपादक अमृत संदेश

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