एक दार्शनिक ने यह बड़ी अच्छी बात बताएं कि व्यक्ति को समय परिस्थिति और अनुकूलता इनका ध्यान रखना चाहिए और उसी अनुसार जीवन के निर्णय करना चाहिए। जब भी जैसा भी समय हो अच्छा समय हो बुरा समय हो ठंड का समय हो गर्मी का समय हो बरसात का समय हो और उस वक्त क्या परिस्थिति निर्मित होती है या क्या परिस्थिति पूर्व से है उस परिस्थिति में हमें क्या ध्यान रखना है और साथ में हमारे पास ध्यान रखने की अनुकूलता है या नहीं इसका भी संज्ञान होना बहुत जरूरी है कभी-कभी समय आपके साथ होता है पर परिस्थिति नहीं होती और यदि परिस्थिति भी साथ हो तो आपके पास अनुकूलता नहीं होती है सही मायने में जीवन यापन का निर्णय और हमारे आपसी संबंध सब कुछ इन्हीं बातों पर निर्भर है।
समय कह कर नहीं आता है परिस्थितियां हम निर्मित कर सकते हैं और अनुकूलता हमारी क्षमता पर निर्भर होती है।
इन सबके कई तरह से हम मायने समझ सकते हैं पर आप सिर्फ वही बात पर ध्यान दें जो आपसे और आप के जीवन से जुड़ी हुई है।।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक ,पत्रकार ,पर्यावरणविद) ये लेखक के अपने विचार है I
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