कब सही मायने में लोकतंत्र होगा। कब तक जनता छलती जाएगी। लोकतंत्र व्यवस्था में व्यक्ति खड़ा होता है जनता उसे जीताती है अपना प्रतिनिधि बनाती है, बात चाहे राज्य सरकार, केंद्र सरकार या स्थानीय निकाय की हो सभी जगह पर अब राजनैतिक पार्टी के माध्यम से व्यक्ति खड़ा होता है और लोग पार्टी वाद के आधार पर जिताने लगे। जिस पार्टी की संख्या ज्यादा हो सत्ता और सरकार उसी की हो जाती है। अब उस पार्टी में यदि किसी सदस्य का मतभेद हो जावे तो वह अपने कुछ साथियों के सहित पार्टी छोड़ देता है और विपक्षी पार्टियां इसी मौके की तलाश में रहती है और सत्ता पलटने में लग जाते हैं यही मध्यप्रदेश में हुआ अब महाराष्ट्र में ऐसे कई राज्य में हो रहा है। ऐसी स्थिति में कुछ चुने हुए प्रतिनिधि सिर्फ सत्ता पाने में लग जाते हैं। जनसेवा एक दिखावा रह जाता है। जब पार्टी के नाम पर टिकट नहीं निर्दलीय व्यक्ति खड़ा होगा और कोई ग्रुप बनाकर नहीं परंतु व्यक्ति की सही योग्यता के आधार पर सरकार में रहेंगे तभी सच्चे महीने में लोकतंत्र का निर्माण होगा। आजकल अनेक नेता जनसेवा का कहते जरूर है लेकिन वह जानते है कि सबसे तेजी से पावर और पैसा कमाने का मुख्य साधन नेतागिरी ही है। पार्टी वाद के कारण कई नेतागिरी नहीं करते पर पार्टी से जुड़ने के माध्यम से अथाह पावर और पैसा कमाते हैं। ईमानदार नेता गिरी बस कुछ ही दिलों में।
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…