भोपाल । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सोने
पर 90 फीसद तक मूल्य देने की राहत के बाद पहले की तुलना में लोगों का 30 फीसद तक रुझान
गोल्ड लोन की ओर बढ़ा है। राजधानी में सोने के भाव 58 हजार रुपये तक पहुंच चुके हैं।
इसलिए लोगों ने बैंक व कंपनियों में सोना रखकर अधिक कर्ज पा लिया। कोरोना की वजह से
प्रभावित हुए उद्यमियों व छोटे कारोबारियों का गोल्ड लोन की ओर झुकाव ज्यादा है। ताकि
फिर से व्यापार खड़ा करने में सहूलियत मिल सके। शहर में सरकारी व निजी बैंकों के अलावा
गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों की 30 से अधिक शाखाएं हैं। जहां पर सोने के बदले लोन
लेने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि, कुछ निजी बैंकें व कंपनियां
90 फीसद अनुपात के हिसाब से लोन देने से कतरा भी रही हैं। इसकी वजह सोने का गिरते भाव
है। बीते एक सप्ताह में साढ़े चार हजार रुपये तक भाव में गिरावट हुई है। फिर भी सोना
अब तक का सबसे अधिक महंगा है। बता दें कि मुथूट, मणप्पुरम, आईआईएफएल कंपनियों के अलावा
सरकारी व निजी बैंकें सोने पर कर्ज देती हैं। आरबीआई ने 75 की बजाय 90 फीसद तक सोने
पर कर्ज मिलने की राहत दी है। ऋण लेने की प्रक्रिया चंद मिनटों की होती है। राशि भी
एक से दो घंटे के भीतर मिल जाती है। इसमें सिबिल की जांच नहीं होती। दरें भी सामान्य
होती हैं। कोई छुपा शुल्क नहीं होता। प्रतिमाह के हिसाब से किश्तें बन जाती हैं। ऋण
को समय से पहले भी चुका सकते हैं। आभूषणों की सुरक्षा 100 फीसद मिलती है। भोपाल के
सराफा बाजार में सोमवार को चांदी के भाव में दो हजार रुपये की गिरावट हुई और 62 हजार
500 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गए। इससे पहले सात दिन में दो बार 6 हजार रुपये तक की
गिरावट हो चुकी है। दूसरी ओर सोने के भाव 53 हजार 500 रुपये पर स्थिर बने हुए हैं।
कोरोना काल में सोने-चांदी के भावों में तेजी बनी रही। अगस्त के पहले सप्ताह में तो
सोना-चांदी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। सोना 58 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम (23 कैरेट)
एवं चांदी के भाव 68 हजार 500 रुपये प्रतिकिलो हो गए थे, लेकिन 10 अगस्त से दोनों ही
धातुओं के भावों में कमी आने लगी और तीन दिन में ही सोने में 4500 रुपये एवं चांदी
में 4000 हजार रुपये की गिरावट आ गई थी। 12 अगस्त को सोने के भाव 53 हजार 500 रुपये
एवं चांदी 64 हजार 500 रुपये प्रतिकिलो रही थी। इसके बाद भाव स्थिर हो गए, लेकिन सोमवार
को जब सराफा खुला तो चांदी दो हजार रुपये लुढ़ककर 62 हजार 500 रुपये किलो तक पहुंच गई,
जबकि सोने के भाव स्थिर ही रहे। इस क्षेत्र के जानकार अनुराग सिसौदिया का कहना है कि
सरकारी बैंकें तो आरबीआई की गाइडलाइन के हिसाब से ही सोने पर कर्ज दे रही है, किंतु
कुछ निजी बैंक व कंपनियां थोड़ा कतराती हैं। फिर भी कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ी है।
हमीदिया रोड स्थित गोल्ड लोन देने वाली कंपनी मुथूट के मैनेजर प्रशांत शर्मा ने बताया
कि पहले की तुलना में सोना रखकर कर्ज लेने वाले ग्राहकों की संख्या अधिक है। वहीं,
बाजार में बेचने के लिए लोग पहले से रखा सोना भी निकाल रहे हैं।