चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच जरूरी है ये डील
भारत को उम्मीद है कि उसे दो से तीन वर्षों में लड़ाकू आकार के ड्रोन की शुरुआती डिलीवरी मिल जाएगी, और वह IOR के लिए अराकोणम और पोरबंदर और भूमि सीमाओं के लिए सरसावा और गोरखपुर में ISR कमांड और नियंत्रण केंद्रों पर उन्हें तैनात करने की योजना बना रहा है।