अजीब शहर है मेरा, ग़रीबी की तस्वीर कागज़ पर बनाकर, अमीर बन जाते हैं, यहां लोग
Updated on
20-06-2021 11:21 PM
अजीब शहर है मेरा,
ग़रीबी की तस्वीर,
कागज़ पर बनाकर,
अमीर बन जाते हैं,
यहां लोग ।।
अजीब शहर है मेरा,
जहां दर्द नहीं,
दर्द की तस्वीर,
खरीदते हैं लोग ।।
अजब शहर है मेरा, गज़ब शहर है मेरा,कुछ लोग महंगी गाड़ियों में घूमते हैं और किसी के नसीब में बैसाखी भी नहीं आई,कोई दौड़ते हैं तो कुछ चलने के लिए परेशान हो जाते हैं, अजब शहर है मेरा, गज़ब शहर है मेरा, कुछ लोगों की किस्मत में तूने लिखें अच्छे और महंगे पकवान तो कुछ लोग सूखी रोटी पानी से खा लेते हैं । मेरे शहर की कल की दास्तां सुने,एक महिला अपने तीन मासूम बच्चों के साथ फुटपाथ पर बैठी थी, सामने फलों की जूस की दुकान लगी थी, कुछ लोग फलों के रसों का आनंद ले रहे थे,फुटपाथ पर बैठे ग़रीब महिला के बच्चे लोगों को निहार रहे थे, सोच रहे थे, रस का स्वाद कैसा होता है, उन बच्चों में से एक बच्चा चुपके से बिना माँ को बताए फल के रस की दुकान के पास रखे कचरे के डब्बे से फलों के छिलकों एवं रस निकले हुए गूदे को उठा लाया और फुटपाथ पर बैठकर रस निकले फलों के गूदे को पानी में भिगो भिगो कर खाने लगा, यह सब कुछ मैं देख रहा था, कभी मैंने उन बच्चों की तरफ देखा तो कभी मैंने आसमान की तरफ देखा और ऊपर वाले से पूछा वाह ऊपरवाले वाह तूने भी क्या इनकी किस्मत बनाई ,किसी को तो दिए तूने हीरे मोती, किसी की किस्मत में सूखी रोटी भी ना आई, जूस की दुकान पर जाकर मैंने कुछ फलों का रस खरीद कर उन बच्चों को देने की कोशिश की कभी बच्चे रस को देखते तो कभी अपनी माँ को बच्चों की हिम्मत नहीं हो रही थी मेरे हाथ से रस की थैली ले लें I
गरीब बच्चों की माँ ने मेरे हाथ से रस की थैली ली, बच्चों को रस कटोरी में निकाल कर दिया, बच्चों ने रस को ऐसा पिया जैसे दुनिया की सबसे बहुमूल्य चीज़ पी रहे हो।
वाह ऊपर वाले वाह, तूने भी क्या किस्मत बनाई है किसी की तिज़ोरी नोटों ,हीरे, मोतियों से भर दी और किसी के किस्मत में सूखी रोटी भी नहीं आई । एक तरफ लोग पैसे पैसे के लिए मोहताज दूसरी तरफ स्विस बैंक में भारतीयों के पैसा में 13 गुना की वृद्धि, वाह ऊपर वाले वाह तूने भी क्या किस्मत बनाई । जहां देश की जीडीपी औंधे मुंह गिर रही है, वही पैसे वाले और पैसे वाले हो रहे हैं और एक आम इंसान को ग़रीबी एवं महंगाई का अजगर सांप निकलने के लिए आतुर है ।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों का जमा पैसा बढ़कर 20 हजार करोड़ के पार पहुंच गया है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी सालाना डाटा के मुताबिक, साल 2020 के दौरान स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और संस्थानों व कंपनियों का जमा धन बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक करीब 20,700 करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
एकतरफ जहां निजी बैंक खातों में जमा पैसो में कमी आई, वहीं सिक्योरिटीज व अन्य तरीकों में वित्तीय संस्थानों और कंपनियों की तरफ से जमकर पैसा जमा कराया गया है।
यह पैसा जो स्विस बैंक में जमा हुआ है इस पैसे में अधिकतर पैसा भारत के बड़े बड़े कारोबारियों, फिल्मी कलाकारों एवं देश के राजनेताओं का भी हो सकता है जो दिन भर मंच से स्वदेशी के राग अलाप ते हैं पर यह लोग अपना पैसा भारत के बैंकों में जमा कराने में कतराते हैं । स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों के पैसों में वृद्धि को लेकर कुछ लाइनें याद आ रही है क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम, वो इरादा, चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए गए थे, स्विस बैंक में भारतीयों का जमा काला धन वापस लाएंगे, धन तो वापस नहीं आया, पर स्विस बैंकों में भारतीयों का धन जरूर बढ़ गया।
अगर यही हाल रहा हमारे देश में अमीरों और गरीबों के बीच की खाई बढ़ती जाएगी तो इसके परिणाम हमारे देश के लिए सुखद नहीं होंगे । हमारे देश के हिसाब से जो आदमी रोज़ के 145 रुपए कमाता है, वह व्यक्ति ग़रीब नहीं अमीर है, इस दौर में रोज़ के 145 रुपए में एक आम आदमी का खर्चा कैसे चलता होगा, आप इस बात से अंदाजा लगा ले के आटा 40 रुपए किलो तेल 170 रुपए किलो, दालें 150 रुपए किलो, बच्चों की स्कूल की फीस अलग से, अब वह दिन गए जब कहा जाता था दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ अब वह दिन आ गए सूखी रोटी और नमक खाओ खुश रहो और सरकार के गुण गाओ, नीला राशन कार्ड वाला जब राशन की दुकान पर जाता है, उसको शक की नजरों से देखा जाता है कहीं यह व्यक्ति पैसे वाला तो नहीं यह रोज के 145 रुपए से ज्यादा तो नहीं कमा रहा, अगर 145 रुपए से ज्यादा कमा रहा है तो यह गरीब नहीं अमीर है, इसकी जांच करो , यह तो बात हुई है गरीब और आम इंसान की, जो व्यक्ति करोड़ों रुपए स्विस बैंक में जमा कर रहा है उसको बड़े सम्मान की नजरों से देखा जाता है भले यह काला धन क्यों ना हो उसने इस धन को सरकार से छिपाकर और टैक्सों की चोरी करके विदेशी बैंक में जमा किया हो, अब आप फैसला करें जो आदमी 145 रुपए रोज़ वाला अगर नीले राशन कार्ड से राशन ले ले तो वह चोर है या वह जो करोड़ों रुपए टैक्स की चोरी करके विदेशों में जमा कर रहा है । इसलिए मैं कहता हूँ ,अजब है गज़ब है मेरा देश ।
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