रायपुर। प्रभु राम का जीवन चरित्र हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आत्म नियंत्रण कर जीवन कैसे जिया जाए। सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए संबंधों को कैसे निभाया जाए यह प्रभु राम हमे सिखाते है। इसीलिए आज के समय में सुखी रहने के लिए उनके जीवन आदर्शों पर चलने की महती आवश्यकता है। यह विचार पूर्व धर्मस्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सुधी मानस मंडली जय भैरव बाबा संस्थान मठ पुरैना द्वारा आयोजित दो दिवसीय अखंड रामायण के अवसर पर कही।
उन्होंने भाई प्रेम का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रभु राम को 14 वर्ष का वनवास जाना पड़ा परंतु उनकी जगह पर उनके छोटे भाई भरत ने राज नहीं किया बल्कि प्रभु राम की खड़ाऊ को रखकर उसे राजा मानकर राजपाट संभाला।