दुख इस बात का है कि अनेक जैन समाज के लोग दोहरे चेहरे रखने लगे, एक तरफ तो समग्र जैन एकता की बात करेंगे और दूसरी तरफ उन चंद लोगों का विरोध नहीं करेंगे जो महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव दिगंबर और श्वेतांबर के नाम पर अलग-अलग मनाने का आयोजन कर समग्र जैन एकता को कमजोर कर रहे हैं।
बिखरने एवं भिन्न-भिन्न मान्यता होने से क्षिण हो रहा जैन समाज के लोगों का भविष्य। समाज की वखत और ताकत निरंतर कम हो रही है। दिगंबर श्वेतांबर मंदिर स्थानक बीसपंथी तेरापंथी आदि मान्यता में बटे श्रावक श्राविका साधु साध्वी यह नहीं सोच रहे हैं कि हम बहुत कम जनसंख्या में होने पर भी अलग-अलग टुकड़ों में बट जाएंगे तो हमारी हैसियत कुछ नहीं रहेगी। आज तो हमारे *धर्मस्थल असुरक्षित है* कभी *कल हमारे घर, बेटियां, जायदाद कोई भी सुरक्षित नहीं रहेंगे* तब क्या होगा। कमजोर को हर कोई दबाता है उसका शोषण करता है , पैसे वाला तो फिर भी बच जाएगा पर गरीब तो पीस जाएगा।
इसलिए *विचार करें हम सब एक होकर समग्र जैन के प्रभाव प्रभुत्व और प्रतिनिधित्व को बल देगे।*
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…