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'प्रद्युम्न' का रतजगा: मंत्री के इकबाल को लेकर उठता सवाल

Updated on 22-04-2021 01:29 PM
मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री तथा ग्वालियर के लिए कोविड प्रभारी प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कोविड मरीजों को बेहतर इलाज की व्यवस्था कराने के लिए ग्वालियर के हजीरा सिविल अस्पताल के बाहर टेंट में रात भर जाग कर कोविड मंत्री का दायित्व अपने अंदाज में निभाया। तोमर के रतजगे ने मंत्री के इकबाल को लेकर सवाल उठाने का मौका दे दिया है। वैसे अपनी अटपटी कार्यशैली के लिए तोमर पहले भी कई बार चर्चित रह चुके हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर अक्सर कहा करते थे कि सरकार इकबाल से चलती है और यदि इकबाल बुलंद होगा तो सरकार प्रभावी ढंग से चलेगी। खुद तोमर रात भर जागकर अपना दायित्व निर्वहन का प्रयास जिस ढंग से कर रहे हैं, उससे तो यही आभास मिलता है कि अब मंत्री को अपने इकबाल याने मंत्री पद के रूप में जनसेवा के लिए जो अधिकार मिले हैं उस पर उन्हें या तो भरोसा नहीं है या फिर नौकरशाही जब तक मंत्री सामने नहीं रहेंगे ठीक से काम नहीं करेगी यह समझते हुए खुद अस्पताल के सामने जाकर डट गए। इससे हो सकता है उन्हें तत्काल कोई लोकप्रियता मिल जाए या मीडिया की सुर्खियों में आ जाएं लेकिन ऐसा करके क्या उन्होंने लोगों को यह सोचने के लिए अवसर नहीं दिया कि आज व्यवस्था इस कदर ध्वस्त हो गई है कि उसे पटरी पर लाने के लिए मंत्री को रात भर जागना पड़ता है और वह भी टेंट में विश्राम करते हुए। मंत्री का इरादा और इशारा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए पर्याप्त होता है और इसका उदाहरण तोमर को कुछ साथी मंत्रियों डॉ नरोत्तम मिश्रा, अरविंद सिंह भदोरिया और कमल पटेल आदि  की कार्यप्रणाली को देख कर ही मिल जाएगा कि किस प्रकार वह अपने विभाग और विभागीय अमले को अपने इशारे के अनुसार काम पर लगा देते हैं ।
शिवराज सरकार के ऊर्जा मंत्री एवं कोविड के प्रभारी प्रधुम्न सिंह तोमर ग्वालियर अंचल के कोविड-19 के संक्रमण को रोकने तथा मरीजों को बेहतर इलाज की व्यवस्था करने के लिए हजीरा सिविल अस्पताल के बाहर टेंट में रात भर जागकर बेहतर इलाज की व्यवस्था करते नजर आए। कभी टेंट में वह बैठे रहे तो कभी  वहीं लेट कर विश्राम भी करने लगे। तोमर का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव की रोकथाम, बचाव व उपचार के लिए मुझे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो ग्वालियर की जिम्मेदारी सौंपी है, उस जिम्मेदारी को निभाने व जनता की सेवा के लिए प्रयास कर रहा हूँ। ऑक्सीजन व आवश्यक दवाई की आपूर्ति सहित अन्य स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की मैं सतत निगरानी कर रहा हूँ। इसलिए  रात्रि में मैं स्वयं हजीरा के सिविल अस्पताल पर लोगो की सहायता के लिए बैठा हूँ, ताकि कोरोना संक्रमित मरीजो को बेहतर इलाज मिले, आमजन को कोई परेशानी न हो। यह सही है कि मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रियों को व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने तथा ऑक्सीजन आदि जिस भी चीज की कमी है उसे दूर करने के लिए   जिलों का प्रभारी बनाया है और इसके पीछे उनकी यही मंशा थी कि जिला स्तर पर व्यवस्था दुरुस्त रहे और किसी चीज की कमी हो तो उसे पूरा करें ताकि आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। मंत्री सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जन जागरण करें इसके लिए यदि मंत्री जनसंपर्क करते हैं तो यही माना जाएगा कि वह अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। किसी चीज की कमी ना रहे और व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे इसकी देखरेख करने के लिए प्रभारी मंत्री बनाए गए हैं। इसके लिए यदि कोई मंत्री रात भर या दिन भर अस्पताल के सामने जा कर बैठे और तभी बेहतर इलाज होगा तो फिर यही समझा जाएगा कि मंत्री को खुद इस बात का भरोसा है कि जब वह सामने रहेंगे तब ही व्यवस्था सुधरेगी तो फिर अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यवस्था पर उनकी कितनी पकड़ है।
तोमर तो ऐसा करते रहे हैं
यह पहला मौका नहीं है जब प्रधुम्न सिंह तोमर ने इस तरह का बर्ताव किया कि लोगों को बेहतर इलाज की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अस्पताल के सामने रात भर टेंट में रहे हों बल्कि इससे पूर्व जब वह कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे तब ग्वालियर में गंदे नाले की सफाई खुद ही उतर कर  करने लगे थे। मीडिया की सुर्ख़ियों में रहने लेने के लिए इस प्रकार  कुछ ना कुछ वह करते रहे हैं। जब वह कांग्रेस सरकार में मंत्री थे तब रेलवे प्लेटफार्म पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत करते समय साष्टांग प्रणाम करते थे हालांकि सिंधिया ने उन्हें ऐसा करने से मना किया था। कुछ ना कुछ अनोखा करना उनके लिए शायद एक शगल बन चुका है। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री मीडिया केके मिश्रा का कहना है कि इस प्रकार की नाटक नौटंकी करने के मंत्री तोमर आदी रहे हैं।
कोरोना पीड़ित की मदद के लिए कांग्रेस मैदान में
कोरोना महामारी से जुड़ी व्यवस्थाओं को लेकर शिवराज सरकार पर आक्रामक रही कांग्रेस पार्टी अब व्यवस्थित ढंग से पीड़ित की मदद और सेवा के लिए बाकायदा मैदान में उतर रही है। प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी कांग्रेस पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस काम के लिए एक सुनियोजित योजना बनाकर मैदान में उतरें और लोगों की सेवा करें। कमलनाथ का कहना है कि यह संकट की घड़ी हमें प्रेरित कर रही है कि सभी कांग्रेस जन कोविड गाइडलाइंस के पालन के साथ मरीजों की सेवा में जुट जाएं। महात्मा गांधी ने  सेवा का जो रास्ता सिखाया था अब कांग्रेस उसी भूमिका का निर्वहन करेगी। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस जनों को कोई कुछ भी कहे या विचारधारा पर सवाल उठाए या सेवा भावना पर सवाल उठाए तो भी विचलित ना हों जिसकी जितनी सामर्थ्य है वह उतनी लोगों की सहायता करे। उल्लेखनीय है कि कमलनाथ ने अपने निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में 100 बिस्तरों का एक स्थाई अस्पताल बनवाया है।
और अंत में............
कांग्रेस के अनेक विधायक अपने-अपने स्तर पर इस काम में लगे हुए हैं और आज छतरपुर के विधायक आलोक चतुर्वेदी ने अपने एक सुविधा युक्त व्यावसायिक भवन को कोविड सेंटर बनाने के लिए जिला प्रशासन के सामने पेशकश कर दी है। कलेक्टर को लिखे एक पत्र में चतुर्वेदी ने कहा है कि नौगांव रोड पर उनके व्यापारिक समूह केएम ग्रुप का एक विशाल व्यवसायिक परिसर मौजूद है इसमें तीन  बड़े हाल बने हुए हैं और यहां बिजली पानी की सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर 300 तक मरीजों को आसानी से आइसोलेशन में रखा जा सकता है तथा प्रशासन जब चाहे इसे ले सकता है। इस भवन में भर्ती होने वाले मरीजों को भोजन पानी विद्युत व्यवस्था सभी सुविधाएं वह उपलब्ध कराने को सहमत हैं
अरुण पटेल, लेखक                                                                 ये लेखक के अपने विचार है I 
प्रबंध संपादक, सुबह सवेर  
कार्यकारी संपादक अमृत संदेश

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