कहते हैं किस्मत एक दिन में नहीं चमकती, लेकिन एक दिन जरूर चमकती है। रविवार का दिन दो गोल्फर के इसी तरीके का रहा। बात हो रही है पहला पीजीए टूर जीतने वाले जैक नेप और केन्या ओपन के रनर अप जो डीन की। गोल्फ के अलावा इनको जो चीज जोड़ती है, वो है इनके संघर्ष के बाद सफलता की कहानी।
29 वर्षीय अमेरिकी गोल्फर जैक नैप ने दो शॉट से मैक्सिको ओपन जीतकर अपना पहला पीजीए टूर का खिताब जीता। यह नौवां मौका था, जब जैक ने पीजीए टूर में भाग लिया था। इस जीत के साथ ही उन्हें करीब साढ़े 11 करोड़ रु. की प्राइज मनी भी मिली। जैक ने 2016 में गोल्फ करियर शुरू किया था, लेकिन 5 साल से भी ज्यादा का समय बीत जाने के बाद उन्हें कोई बड़ी सफलता नहीं मिली।
इसके बाद उन्होंने गोल्फ छोड़ने का मन बना लिया था। 2021 में मनोचिकित्सक से मिलने के बाद वे मैदान पर लौटे। अगस्त 2022 में कनाडा पीजीए टूर पर सीएमआरसी चैम्पियनशिप जीतने के बाद पहली बार उनका नाम लोगों के सामने आया।
कनाडा टूर के दौरान वे एक नाइट क्लब में बार टेंडर के रूप में काम किया करते थे। इसी क्लब में उन्होंने बाउंसर के रूप में भी काम किया था। इस टूर्नामेंट से पहले उन्हें बड़ा झटका तब लगा, जब उन्होंने कैंसर के चलते दादा को खो दिया। जैक अपने दादा को उनके खेल का सबसे बड़ा प्रशंसक बताते हैं।
इंग्लैंड के गोल्फर डीन डिलिवरी ड्राइवर थे
दूसरी कहानी इंग्लिश गोल्फर जो डीन की है, जिन्होंने केन्या ओपन में संयुक्त रूप से दूसरा स्थान हासिल किया। जो डीन वर्ल्ड रैंकिंग में 2930वें स्थान पर हैं, ऐसे में उनका किसी टूर्नामेंट में दूसरे स्थान पर आना चौंकाने वाली बात है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जो डीन इस टूर्नामेंट से एक हफ्ते पहले तक एक सुपरमार्केट में डिलिवरी ड्राइवर के तौर पर काम कर रहे थे और यदि उन्हें टूर्नामेंट में करीब डेढ़ करोड़ रुपए का चेक प्राइज मनी में नहीं मिलता तो उन्हें फिर से अपनी जॉब पर लौटना पड़ता। यह प्राइज मनी बूस्टर की तरह है, जो उनके खेल करियर को रिवाइव करने में मदद करेगी।