सबसे महत्वपूर्ण है हमारे जीवन की क्या अहमियत है, हम कैसा जीवन जी रहे हैं और हमें कैसा जीवन जीने की चाह है या फिर हमें कैसा जीवन जीना चाहिए। हमारे जीवन का लक्ष्य और ध्येय पर हमें विचार करना चाहिए और उस विचार को 3 पहलू से जाने विचार से क्या प्राप्ति होगी और उस प्राप्ति से क्या लाभ हानि होंगे और अंत में हमें क्या पुनर्विचार करना है या इन्हीं विचारों पर रहता है यह निर्णय करना है।
आज कई व्यक्ति अपने जीवन की अहमियत नहीं पहचानते हुए दूसरों की देखा देखी और भौतिकवाद की तरफ बढ़ते जा रहे हैं वह अपने आप को दूसरे से क्यों कंपेयर करते हैं। ज्यादा पैसा कमाना जीवन का कोई लक्ष्य नहीं होना चाहिए। या पूरी जिंदगी कामकाज में व्यस्त हो जाए यह भी जीवन का लक्ष्य नहीं होना चाहिए। घर परिवार बच्चे समाज और देश के लिए समय निकालना चाहिए। हम अच्छे से खा सके, व्यवस्थित प्राकृतिक तौर पर प्रकृति के साथ रह सके, बिना तड़क-भड़क के जीवन सरल आसान और शांति में निर्विघ्न बिना तनाव के निकले यह हमारा ध्येय और जीवन का लक्ष्य होना चाहिए।आज व्यक्ति नाइटलाइफ, ग्लैमर, तड़क-भड़क और एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में कई बार अवैध कारोबार में उलझ जाता है यदि वह सफल होता है तो जो और आगे बढ़ाने में लगा रहता है और असफल होता है तो डिप्रेशन में चला जाएगा या फिर सुसाइड करने का सोचेगा। कर्ज लेकर बिना वजह का ऐशो आराम का सामान नही खरीदे। समूह बना कर रहे ताकि आप सुरक्षित है किसी ईमानदार पावरफुल इंसान से संबंध बनाकर रखें ताकि आप पर कोई मुश्किल ना आए। हर विषय पर कुछ न कुछ थोड़ा नॉलेज रखने की आदत डालें।
अशोक मेहता,(लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) ये लेखक के अपने विचार है I